ह्रदय रोग विशेषज्ञ की सलाह
राजधानी भोपाल के एक निजी अस्पताल के ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल वर्मा ने बताया कि, अकसर लोग मानते हैं कि, खाने में वनस्पति तेल का इस्तेमाल ह्रदय की समस्याओं को दूर रखने में इतना कारगर नहीं है। उन्होंने हालही में हुई एक रिसर्च का हवाला देते हुए कहा कि, संतृप्त वसा के स्थान पर वनस्पति तेलों के इस्तेमाल से आपके दिल की सेहत में सुधार नहीं होने वाला। शोध में हालांकि पारंपरिक आहार के उन दिशा-निर्देशों को भी खारिज नहीं किया गया, जिसके तहत असंतृत्प वसा के रूप में सोयाबीन, मक्का, जैतून और राई का तेल हृदय रोग के जोखिम कम करने के लिए जाना जाता है।
इन खास बातों का रखें ख्याल
डॉ. वर्मा के मुताबिक, शोध के लिए प्रतिभागियों के आहार का आकलन किया गया था। इस दौरान शोधार्थियों को कुछ हैरान करने वाले नतीजे मिले। हालांकि, अभी तक इसके पूर्ण नतीजे सामने नहीं आए हैं, इसलिए जिज्ञासु अध्ययन को समझने में अधिक शोध जारी है। हालांकि, अब तक के शोध में सामने आया कि, मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम ऑलिव ऑइल से कई ज्यादा अंगूर के बीजों से बने तेल और अन्य तेलों से कम हुआ था। इसमें लिनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा होती है, जो शरीर में हृदय रोग के जोखिम बढ़ाने वाले वसा को कम करता है।
नोटः
ये लेख सामान्य जानकारी के लिए है। इसलिए इस लेख में दिए गए फेक्ट्स की पुष्टी पत्रिका नहीं करता।