भागवत कथा में देवकीनंदन ठाकुर ने दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने का दिया संदेश
भोपाल. टीटी नगर दशहरा मैदान में चल रही भागवत कथा में बुधवार को कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने दहेज जैसी कुप्रथा को समाप्त करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बेटे-बेटियों के विवाह में दहेज से बचे, दहेज विहीन विवाह करें। लालचियों को सुयोग्य और घर की सेवा करने वाली बहू नहीं मिलती हैं। जो अपने बेटे के लिए दहेज लेता है वह उसे हस्बैंड नहीं सर्वेंट बना देता है। पिता को चाहिए कि वह समझे जो अपने बेटे को बेच सकता है वह आपकी बेटी को कैसे खुश रखेगा। इस दौरान कृष्ण जन्मोत्सव भी धूमधाम से मनाया। जन्मदिन पर कैंडल नहीं दीप जलाएं : कथावाचक Devkinandan Thakur ने Bhagwat Katha में कहा कि हमारी सनातनी परम्परा को अपनाए। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो हमें बचाने वाला कोई नहीं होगा। हमारी आदत दूसरों की नकल करने की है, इसका त्याग करे। सनातनी धर्म में जन्मदिन पर कैंडल जलाने की रीत नहीं है बल्कि दीपक जलाने का रिवाज है। ‘जीव हत्या करना भी आतंकवाद’ कथावाचक देवकीनंदन Devkinandan Thakur ने लोगों से जीव हत्या और मांसाहार से बचने का भी आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि ङ्क्षहसा करना ही आतंकवाद नहीं है, किसी जीव को मारना और उसे खाना भी आतंकवाद ही है। नरक से बचने के लिए दर्शन श्रवण और वचन पर ध्यान दें।