भवन में आग शॉर्ट शर्किट से लगना बताई जा रही है। आग लगने वाले भवन में स्वास्थ्य संचालनालय, आदिम जाति कल्याण और परिवहन की शाखा का कामकाज किया जाता है। सरकार के पास सभी सिस्टम आग बुझाने में फेल होते रहे, आखिर में सेना की टीम ने मंगलवार सुबह 8 बजे तक यानि २० घंटे बाद आग पर काबू पाया।
आग बुझाने में सभी सिस्टम फेल होने से नुकसान हुआ है। आग बुझाने के लिए करोड़ों रुपए के टेंडर से लेकर मशीनों की खरीदारी की। इसके लिए बाकयदा सरकार ने 30 करोड़ का बजट दिया है और 13 करोड़ रुपए आग बुझाने वाले यंत्रों के रखरखाव पर खर्च कर रही है जबकि हाकीकत में 30 साल पहले खरीदे सिस्टम के भरोसे ही आग बुझाने की कवायद जारी है।
चारों मंजिलों पर लकड़ी व कागज का सामान ज्यादा था। छठी मंजिल पर अभी रिनोवेशन हुआ है। यहां सभी फर्नीचर, एसी, अलमारी आदि सामान नया था। प्लास्टिक, फोम का उपयोग भी किया था। 10 करोड़ से किए जा रहे रिनोवेशन में फायर सेफ्टी सिस्टम को शामिल नहीं किया गया।
मंगलवार को सतपुड़ा भवन में लगने वाले सभी विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टी घोषित कर दी गई थी। अब बुधवार को भी इन सभी विभागों के अफसरों अवकाश रहेगा। इसके आदेश मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को अलग दफ्तरों में व्यवस्था की गई है।