एमपी में शुरू हुई रेयर अर्थ एलिमेंट की खोज, नया खजाना मिला तो ‘INDIA बनेगा आत्मनिर्भर’
Big News: मध्य प्रदेश में रेयर अर्थ एलिमेंट्स की खोजबीन का काम शुरू हो गया है। खोज के लिए मिले चार ब्लॉक, एक साल में 62 ब्लॉक्स पर पूरा होगा काम, क्या आप जानते हैं क्या हैं ये रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements)
मध्य प्रदेश में अब रेयर अर्थ एलीमेंट (दुर्लभ खनिज) की खोजबीन का काम शुरू हुआ है। इन खनिजों का रक्षा, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में काफी इस्तेमाल होता है। खोज के लिए पहली बार चार ब्लॉक दिए गए हैं। कुछ ब्लॉक्स में इस वर्ष खोज पूरी होने की संभावना है।
यदि प्रदेश में कुछ तत्व की पुष्टि होती है तो यह प्रदेश की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलिब्ध होगी। अभी दुर्लभ खनिज के लिए पूरी दुनिया सबसे ज्यादा चीन और अन्य देशों पर निर्भर है। ये नया खजाना मिला तो भारत की अन्य देशों पर निर्भरता कम होगी।
इन जिलों में रेयर अर्थ एलीमेंट्स की खोज
बैतूल, बालाघाट, श्योपुर, छतरपुर, झाबुआ, डिंडोरी, सिंगरौली, उमरिया आदि जिलों में चल रही है। जो ब्लॉक जांच के लिए दिए गए हैं, वे इन्हीं जिलों में हैं।
नीति के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश अव्वल
केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 में एक्सप्लोरेशन नीति लागू की है। इस नीति के तहत मध्य प्रदेश द्वारा क्रिटिकल मिनरल के दो ब्लॉक नीलामी में रखे गए हैं। मध्य प्रदेश केंद्र की इस नीति का क्रियान्वयन करने वाला पहला राज्य बन गया है।
एमपी में स्ट्रेटेजिक एवं क्रिटिकल मिनरल, मुख्यत: रॉक-फास्फेट, ग्रेफाइट, ग्लूकोनाइट, प्लेटिनम एवं रेयर अर्थ एलीमेंट (आरईई) की खोजबीन का काम किया जा रहा है। प्रदेश में जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड के साथ निजी कंपनियों द्वारा भी आरईई के खोजबीन का काम किया जा रहा है। एमपी में अभी तक सभी प्रकार के खनिजों के एक्सप्लोरेशन के लिए 73 खनिज ब्लॉक दिए गए हैं।