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हालांकि घटनास्थल का निरीक्षण करने वाली छोला पुलिस का अनुमान है कि एक्टिवा अनियंत्रित होकर फिसली होगी। घटना में भीड़ का अमानवीय चेहरा भी सामने आया। बताया गया कि हादसे के बाद लहूलुहान छात्र करीब 15 मिनट तक आरओबी पर तड़पता रहा, लेकिन किसी ने उसे अस्पताल पहुंचाने की हिम्मत नहीं जुटाई, सब एंबुलेंस का इंतजार करते रहे।
जानकारी के मुताबिक, मूलत: अमृतसर, पंजाब निवासी 24 वर्षीय अर्जन सिंह पिता बलविंदर सिंह भानपुर इलाके में संचालित निजी मेडिकल कॉलेज का एमबीबीएस फाइनल ईयर का छात्र था। वह अयोध्या नगर बायपास में गिरनार वैली में किराए का कमरा लेकर रहता था। 2 अक्टूबर को अर्जन का जन्मदिन था।
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जन्मदिन मनाने वह कॉलेज कैम्पस के हॉस्टल में रहने वाले दोस्तों के पास आया था। रात करीब साढ़े बारह बजे केक काटने के बाद दोस्तों के साथ उसने जन्मदिन मनाया। इसके बाद रात करीब सवा दो बजे अपने कमरे पर जाने के लिए रवाना हुआ। भानपुर ओवर ब्रिज के बीचों-बीच वह हादसे का शिकार हो गया। उसके सिर में गंभीर चोट लगी थी। खून अधिक बह जाना उसकी मौत की बड़ी वजह बनी। बुधवार शाम पीएम के बाद परिजन उसका शव फ्लाइट से लेकर दिल्ली रवाना हुए।
पढ़ाई में अव्वल, दोस्तों में सबसे ‘दिलदार’
उसके साथ पढऩे वाले छात्रों ने बताया कि अर्जन पढ़ाई में अव्वल था। दोस्त मुदित अग्रवाल ने बताया कि अर्जन दिलदार दोस्त था। वह हमेशा खुश रहता और दोस्तों को भी कभी उदास नहीं होने देता था। क्रिकेट उसका पसंदीदा खेल था।
विश करने जा रहे दोस्तों को मिला लहूलुहान
अर्जन के हॉस्टल से निकलने के करीब 15 मिनट बाद उसके कुछ दोस्त बर्थ-डे विश करने के लिए उसके कमरे गिरनार वैली जा रहे थे। भानपुर ओवर ब्रिज में भीड़ देखकर उसके दोस्त रुक गए। दोस्तों की नजर पड़ी तो वह अर्जन था। तुरंत ही उसे दोस्त कॉलेज लेकर पहुंचे। तब तक काफी देर हो चुकी थी।
आधा किमी दूर अस्पताल, पर किसी ने नहीं पहुंचाया
जिस जगह हादसा हुआ वहां से निजी अस्पताल महज आधा किलोमीटर दूर है। लेकिन तमाशबीन भीड़ उसे अस्पताल तक नहीं पहुंचा सकी। सभी पुलिस, एंबुलेंस का इंतजार करने में वक्त बर्बाद करते रहे। इस बीच अर्जन के शरीर से काफी खून बह चुका था।
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वाहन में दूसरे वाहन के टक्कर के निशान नहीं
अर्जन के वाहन पर किसी अन्य वाहन से टक्कर होने के निशान
नहीं मिले हैं। ऐसे में पुलिस का मानना है कि किसी अन्य वाहन ने टक्कर नहीं मारी है। ब्रिज में घिसटने के निशान भी नहीं है। इससे पुलिस का मानना है कि अर्जन का वाहन अनियंत्रित हुआ होगा।
माता-पिता दोनों डॉक्टर
अर्जन के पिता बलविंदर, मां प्रभुप्रीत अमृतसर में डॉक्टर हैं। जबकि अर्जन का छोटा भाई स्कूल में पढ़ाई कर रहा है। घटना की सूचना के बाद माता-पिता भोपाल आने के लिए रवाना हुए, लेकिन दिल्ली से उन्हें फ्लाइट नहीं मिल सकी।