भोपाल। मध्यप्रदेश के पालपुर कुनों अभयारण्य में गुजरात के शेरों की शिफ्टिंग की राह आसान होती दिख रही है। दरअसल 18 और 19 दिसंबर को गुजरात के चीफ वाइल्ड लाइफ वॉर्डन समेत अन्य अफसरों ने पालपुर कुनो का जायजा लिया। वहां शेरों की शिफ्टिंग को लेकर की गई तैयारियों को देख अफसर संतुष्ट नजर आए। कयास लगाए गए कि अब जल्द ही गिर के शेर यहां शिफ्ट होंगे। पर अब शेरों की शिफ्टिंग से पहले वन कर्मचारियों को ट्रेनिंग की बात कही। यानी प्रदेश को अभी और इंतजार करना होगा।
वन कर्मचारियों को किया जाएगा टे्रंड
गुजरात के गिर से शेरों को मध्यप्रदेश में शिफ्टिंग से पहले वन कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग के लिए गुजरात भेजा जाएगा। ये कर्मचारी वहां शेरों के रहन-सहन उनके हर मूवमेंट और तौर-तरीकों को बारीकी से सीखेंगे।
ताकि वे मध्यप्रदेश में आने वाले शेरों की केयर करने में कोई कमी न रख सकें।
लाए जा सकते हैं शेर लेकिन
टीम में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और वन्यप्राणी विशेषज्ञ डॉ. रंजीत सिंह और रवि चेलम भी शामिल थे। जानकारी के मुताबिक गुजरात के अफसरों ने शेरों की शिफ्टिंग को लेकर की गई तैयारियों में कुछ कमियां गिनाईं। उनके मुताबिक ‘इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर(आईयूसीएन)’ की गाइड लाइन के तहत 33 तरह के अध्ययन किए जाने चाहिएं।
वहीं अभयारण्य अब तक नेशनल पार्क नहीं बना है। न ही इसका एरिया बढ़ाया गया है। इन अफसरों ने 33 तरह के अध्ययन कर लिए हैं।
नेशनल पार्क बनाने भेजा है प्रस्ताव
33 अध्ययनों के बाद अफसरों का कहना था कि इसे नेशनल पार्क नहीं बनाया गया है। न ही इसका क्षेत्रफल बढ़ाया गया है। हालांकि प्रदेश के अफसरों का कहना है कि इसका क्षेत्रफल 750 वर्ग किलामीटर करने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1995 से शेरों की शिफ्टिंग का यह प्रोजेक्ट चल रहा है।
7 जनवरी तक सौंपेंगे रिपोर्ट
गुजरात से मध्यप्रदेश के कुनो अभयारण्य का दौरा करने आए वन अफसरों से चर्चा के बाद निर्णय लिया गया है कि युवा व जंगली शेरों को देखने मप्र के वन अफसर 15 फरवरी को गिर अभयारण्य गुजरात जाएंगे।
इससे पहले कुनो दौरे पर आए दोनों प्रदेश और केंद्र के अफसर अभयारण्य के दौरे की रिपोर्ट तैयार कर 7 जनवरी तक केंद्रीय पर्यावरण और वन एवं जलवायु मंत्रालय को सौंपेंगे।
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