क्रोएशिया में 8 दिन के प्रशिक्षण के बाद अब वे एक साल के अनुबंध के तहत क्रोएशिया लीग में खेलेंगी. वे देश की एकमात्र अनकैप्ड प्लेयर हैं जो विदेशी लीग खेलने जाएंगी. कोच शैलेंद्र पाल ने बताया कि मूलतः धार की रहनेवाली ज्योति बहुत मेहनती प्लेयर हैं. उन्होंने बहुत संघर्ष कर यह मुकाम पाया है. पारिवारिक स्थिति ठीक नहीं थी, बचपन से ही पिता का साया छूट गया था. उन्होंने बिना जूते-मोजे पहने ही खेलना प्रारंभ कर दिया. वे सुबह और शाम 5 घंटे तक प्रेक्टिस करती थीं. ज्योति ने बताया कि मैं भारतीय टीम में जगह बनाना चाहती हूं. इसलिए मौकों को गंवाना नहीं चाहती.