फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FSDA) के मुताबिक, आलू को कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल कर पकाया जा रहा है। आर्सेनिक और फॉस्फोरस जैसे केमिकल से युक्त ऐसे आलू का सेवन करने से उल्टी, घबराहट और डायरिया हो सकता है, पेट में जलन जैसी समस्या हो सकती है। यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है।
बलिया की घटना के बाद मध्यप्रदेश में भी आलू की खरीदारी में सतर्कता बरतने की जरूरत है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने अच्छे और नकली आलुओं की पहचान बताई है। भोपाल के खाद्य अधिकारियों के अनुसार आलू को हाथ में लेकर उसे हल्का-सा मसलें। आलू अच्छा होगा तो मूल रूप में बना रहेगा अन्यथा रंग छोड़ने लगेगा। हल्के गरम पानी में आलू को डुबाएं। इससे आलू में कोई नकली रंग चढ़ा होगा तो निकलने लगेगा।