भारत दुनिया में संभवतः पहला लोकतांत्रित देश है जहां टोल टैक्स छूट पाने वालों की इतनी लंबी सूची है। प्रदेश में नेशनल हाईवे और राज्य के हाइवे हैं, जिन पर कई लोगों को वीआइपी मानकर टोल टैक्स में छूट दी गई है। इनमें मंत्री, सांसद, विधायक, पुलिस, सेना और जनसंपर्क से अधिमान्य पत्रकारों को भी इससे मुक्ति है।
इनसे नहीं लिया जाता टोल टैक्स
देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों से लेकर सांसद और जज-मजिस्ट्रेट शामिल हैं। इनके अलावा रक्षा, पुलिस, फायर फाइटिंग, एंबुलेंस, शव वाहन, चुनिंदा राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी, सांसद और विधायक शामिल थे। इनके संख्या बढकर अब 25 हो गई है। इसमें मजिस्ट्रेटों, सचिवों, विभिन्न विभागों के सचिवों, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों को शामिल किया गया है। इन्हें राज्यों के टोल प्लाजा पर टैक्स देने पर छूट है।
पत्रकारों को भी मिली है छूट
मध्यप्रदेश राज्य में अधिमान्य पत्रकारों को भी टोल प्लाजा पर टैक्स नहीं लिया जाता है। पिछले साल लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव ने स्पष्ट किया था कि जनसंपर्क विभाग से अधिमान्य पत्रकारों को छूट जारी है। इसके लिए अधिमान्य पत्रकारों को टोल बूथ कार्यालय में अपना परिचय दिखाकर वाहन पंजीयन क्रमांक एवं फास्टेग का विवरण दर्ज करवा देंगे तो भविष्य में फास्टेग अकाउंट इंटिग्रेट होने के उपरांत छूट बरकरार रहेगी। जबकि नेशनल टोल प्लाजा पर मध्यप्रदेश के अधिमान्य पत्रकारों को कोई छूट नहीं दी जाती है।
निजी वाहनों को टोल टैक्स नहीं लगेगा
राज्य सड़क विकास निगम की नई सड़कों पर यह सुविधा लागू होगी। इसके लिए अभी जो टोल वसूली होती है, उसमें 80 फीसदी पैसा वाणिज्यिक वाहनों से आता है, जबकि निजी वाहन मालिकों से टोल टैक्स कम मिलता है। एमपी में ज्यादातर मुख्य मार्ग राज्य सड़क विकास निगम द्वारा बिल्ड आपरेट एंड ट्रासफर (बीओटी) पद्धति पर बनाए जा रहे हैं। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 200 सड़कों का सर्वे कराया था। इसके बाद सीएम के सामने प्रस्ताव आने के बाद यह फैसला किया गया।
सड़क और वाहन के हिसाब से लगता है टैक्स
हाईवे बनकर तैयार हो जाता है तो उसकी मरम्मत के खर्च र लागत निकालने के लिए टोल टैक्स वसूला जाता है। टोल टैक्स वसूलने के भी कुछ नियम है। आमतौर पर उन सड़कों पर टैक्स वसूला जाता है, जिन्हें चौड़ा करके बनाया जाता है। जितनी लंबाई और चौड़ाई सड़क की होगी, उतना ज्यादा टोल टैक्स वसूला जाता है। इसके अलावा वाहनों के हिसाब से भी टैक्स वसूल किया जाता है। सभी जगहों पर चार पहिया वाहनों या उससे बडे वाहनों पर टैक्स लगाया जाता है।