बता दें कि, प्रदेश की पावर मैनेजमेंट कंपनी ने विद्युत नियामक आयोग को 6 फीसदी प्रति यूनिट पर FCA लागू करने का प्रस्ताव भेजा है। विद्युत नियामक आयोग की तरफ से मंजूरी मिलने पर 100 यूनिट मासिक खपत पर उपभोक्ताओं के बिल पहुंचेंगे। मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने इस संबंध में पिछले दिनों प्रस्ताव आयोग को भेजा है। हालांकि, अबतक इसपर मंजूरी नहीं मिल सकी है, लेकिन जानकारों को उम्मीद है कि, आगामी चंद दिनों में इसपर मंजूरी मिल जाएगी।
यह भी पढ़ें- सांप के खेल ने ली जान, रसेल वाइपर के काटने से युवक की मौत, सांप के डंसने का Live Video
क्या है FCA?
ये भी याद दिला दें कि, वर्ष की हर तिमाही में मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग एफसीए तय करता है। कच्चे माल के हिसाब से एफसीए निर्धारित किया जाता है। वहीं कई महीनों से मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी आयोग से एफसीए पर चार्ज बढ़ाने की मांग कर रहा है। इसके लिए कई बार प्रस्ताव भेजे गए हैं। यही वजह है कि, आगामी वर्ष की शुरुआत से जो बिजली बिल उपभोक्ताओं को दिए जाएंगे, उनमें बिजली के दाम बढ़कर लगाए जाएंगे।
यह भी पढ़ें- यहां 1 रुपए किलो खुला प्याज का दाम, मंडी में ही फसल छोड़कर चले गए किसान
तो और बढ़ जाएंगे बिजली के दाम
ऐसे में अगर FCA बढ़ाने की मंजूरी मिलती है तो इसका सीधा असर बिजली बिल पर पड़ेगा। बिजली कंपनी ने 8.71% बिजली की कीमत बढ़ाने का भी प्रस्ताव भेजा था। हालांकि इस पर मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग फिलहाल सुनवाई नहीं कर रहा है। माना जा रहा है कि, जल्द ही इस प्रस्ताव पर भी सुनवाई होगी। वहीं यदि आयोग द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया तो नए फाइनेंशियल इयर यानी अप्रैल 2022 से बिजली उपभोक्ताओं को और भी महंगी बिजली खरीदनी पड़ेगी। वहीं, मौजूदा वर्ष में भी उपभोक्ताओं के बिजली बिल में बढ़ोतरी हो चुकी है। बिजली नियामक बोर्ड से मंजूरी मिलने के बाद मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी ने यूनिट के दाम 0.69 फीसदी बढ़ाए जा चुके हैं।
कोहरे के आगोश में बीत रही रात- देखें Video