प्रवेंद्र तोमर@भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सेंट्रल जेल में कैद सिमी आतंकवादियों ने अप्रेल में ही भागने की योजना बना ली थी। उन्होंने सेंट्रल जेल में ही गुटबाजी करना शुरू कर दी थी।
वे दो अलग-अलग बैरकों में रहने के बावजूद साथ खाना खाने से लेकर कपड़े धोने और अन्य कार्य भी एक साथ करने लगे थे। जेल सूत्रों का कहना था कि जेल के अंदर गुटबाजी का दबदबा है।
पत्रिका ने प्रमुखता से छापी थी खबर
पत्रिका ने जेल सूत्रों के हवाले से यह खबर प्रमुखता से छापी थी और जेल प्रबंधन से लेकर सरकार तक को अलर्ट किया था। उस समय सूत्रों को भी अंदेशा था कि यह सिमी के आतंकवादी भागने की योजना बना सकते हैं। दुर्भाग्य से हुआ भी यही। दीपावली की देर रात को यह 8 आतंकवादी भोपाल जेल से फरार हो गए।
बनारस जेल की गुटबाजी ने बढ़ाई थी टेंशन
जेल सूत्रों के मुताबिक जिस तरह जेल में लम्बे समय से गुटबाजी चल रही है, उससे स्थिति चिंताजनक भी बढ़ गई थी। बनारस जेल में जो घटना हुई थी वह गुटबाजी का ही नतीजा थी। सूत्र बताते हैं कि जेल में जिन लोगों के गुट बन जाते हैं, उन्हें सुरक्षाकर्मी भी कुछ बोलने से कतराते हैं।
किसी की भी नहीं सुनते
भोपाल सेंट्रल जेल के सूत्र बताते हैं कि SIMI के आतंकियों की पेशी पहले जिला कोर्ट में होती थी, लेकिन डेढ़ साल पहले vc के जरिए पेशी जेल में ही होने लगी। पेशी के दौरान ये बीच में अपशब्द बकने से बाज नहीं आते। कुछ माह पहले पेशी के दौरान अबू फैजल हाथ ने एक प्रहरी पर ब्लेड से हमला कर दिया था।
कुख्यात भी बना चुके हैं गुट
ग्वालियर का कुख्यात विनोद राणा भी जेल में है। टिंकू तोमर और इनमें छत्तीस का आंकड़ा है। कुछ महीने पहले इसे जबलपुर जेल से भोपाल शिफ्ट किया गया है और टिंकू को जबलपुर भेजा है। विनोद ने भी अलग गुट बना लिया है। इससे उसे दूसरी बैरक में शिफ्ट किया गया है।
उस समय क्या बोले थे तोमर
यह सही है कि जेल में अलग-अलग गुटों के लोग हैं, उन पर विशेष निगरानी रखी जाती है। विनोद को दूसरी बैरक में शिफ्ट किया है। सिमी वालों पर कड़ा पहरा रहता है।
– अखिलेश तोमर, सुप्रिंटेंडेंट, सेंट्रल जेल, भोपाल
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