भोपाल में टाइगर स्ट्राइक फोर्स की कार्रवाई में आया पकड़
राज्य स्तरीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल एवं क्षेत्रीय टाइगर स्ट्राइक फोर्स होशंगाबाद ने यह कार्रवाई की। एसटीएफ को मुखबिर से सूचना मिली थी। इस पर कार्रवाई करते हुए दुर्लभ सांप के साथ दो लोगों हरप्रसाद और आसिफ को पंचशील नगर स्थित उनके घर से पकड़ा गया। एक आरोपी ने अपने घर में तीन साल से एक बंदर को भी रख रखा था। उसे भी जब्त कर कोर्ट के निर्देश पर वन विहार को सुरक्षित रूप से सौंपा गया। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर एसटीएफ के विशेष न्यायालय होशंगाबाद में पेश किया गया। अधिकारियों के अनुसार इसमें एक संगठित गिरोह के शामिल होने के साक्ष्य मिले है। इसकी जांच की जा रही है।
इन्टरनेशनल मार्केट में है करोड़ों की कीमत
इस सांप की कीमत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि इसकी वैल्यू बीएमडब्ल्यू एक्स 6 और मर्सिडीज बेंड एस क्लास जैसी लग्जरी कारों से भी अधिक है। यही कारण है कि भारतीय तस्करों में इस सांप की भारी डिमांड है। वैसे तो अरब देशों में इस सांप को मुंहमांगी कीमत में खरीदा जाता है, लेकिन अभी तक जो केस सामने आए हैं उनके आंकलन के मुताबिक इन्टरनेशनल मार्केट में इस सांप की कीमत 2 से 3 करोड़ तक हो सकती है। वहीं 2-3 किग्रा तक के वजन वाले सांप की कीमत करीब 3-5 करोड़ रूपए तक हो सकती है।
इसलिए मिलते हैं मुंहमांगे दाम
चीन से लेकर गल्फ के देशों तक रेड सैंड बोआ का मांस खाने से होने वाले फायदों से संबंधित कई मिथ हैं। आपको ये जानकार हैरानी होगी कि रेड सैंड बोआ का इस्तेमाल सेक्स पावर बढ़ाने वाली दवा बनाने में होता है। इसके साथ ही लोग इसके मांस को भी ताकत बढ़ाने के लिए खाते हैं। वहीं अरब देशों में मान्यता है कि इसे खाने से कठिन से कठिन बीमारी दूर हो जाती है और आदमी हमेशा जवान रहता है।
जादूटोना और अंधविश्वास करने वाले लोगों का मानना है कि विशेष तांत्रिक क्रिया के बाद इसे खाने से आदमी अलौकिक शक्तियों का मालिक बन जाता है। वहीं ये भी माना जाता है कि इस सांप की चमड़ी में इरिडियम नामक तत्व पाया जाता है जो बहुमूल्य होता है। इतना ही नही इस सांप को लेकर भ्रम यहां तक है कि इसका मांस खाने से एड्स जैसी बीमारी से भी मुक्ति मिल जाती है।
भारत में भी इस सांप को पसंद करने वाले कम नहीं है। एक तरफ जहां यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवाओं को बनाने के लिए इस सांप का इस्तेमाल किया जाता है, वहीं मान्यता है कि इस सांप को धन के देवता कुबेर से जोड़कर देखा जाता है, जिसके चलते इसके दर्शन को शुभ समझा जाता है। भारत में होने वाले झाड़फूंक, जादूटोने और तांत्रिक क्रिया में भी सैंड बोआ का इस्तेमाल किया जाता है। सैंड बोआ की कीमत उसकी साइज़ और वजन के अनुसार तय होती है। चीन, दक्षिण-पूर्व, एशियाई देशों एवं खाड़ी देशों तक इसकी तस्करी की जाती है।