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गंभीर मरीजों को बेड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा
इस व्यवस्था से उपचार के चलते गंभीर मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों में बेड की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। स्वास्थ्य आयुक्त ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए कहा कि, कोरोना संक्रमित मरीजों की स्थिति लगातार तीन-चार दिन तक सामान्य रहे तो उसे मौजूदा अस्पताल से निचली श्रेणी की संस्था मे शिफ्ट करना होगा। इससे अस्पतालों में बिस्तरों की उपलब्धता बनी रहेगी। राजधानी के अस्पतालों की बात करें, तो रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अस्पतालों में ऐसे संक्रमित भर्ती हो रहे हैं, जिन्हें कोई लक्षण नहीं हैं। ऐसे एसिम्टोमेटिक मरीजों के अस्पताल में एडमिट होने की वजह से जरूरतमंद गंभीर मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहे।
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इस तरह निकाला हल
मौजूदा हालात के मद्देनजर जिम्मेदारों का मानना है कि, बेड की अधिक आवश्यक्ता उन मरीजों को ज्यादा है, जिन्हें ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत पड़ रही है। सरकार की ओर से अब जो वार्ड बनाए जा रहे हैं। जरूरत है आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन वेंटिलेटर की सुविधा मुहैया कराई जाए, ताकि गंभीर मरीजों के ट्रीटमेंट में किसी तरह की असुविधा ना हो।
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इन स्थितियों में किया जाएगा डाउन ट्रांसफर
डेडिकेटेड कोविड सेंटरों में संक्रमित मरीज को अगर तीन दिनों तक बुखार न आए और बिना ऑक्सीजन सपोर्ट के बीते 4 दिनों से ऑक्सीजन सेच्युरेशन 95 फीसदी से ज्यादा हो तो, उन्हें डीसीएचसी में डाउन ट्रांसफर किया जा सकेगा। डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में यहां भर्ती मरीज को बीते तीन से बिना दवा दिए बुखार न आए और तापमान सामान्य हो, सांस लेने में परेशानी न हो, ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत न हो तो, ऐसे मरीजों को कोविड केयर सेंटर या होम आईसोलेशन में डाउन ट्रांसफर किया जाएगा।