पंडित जी बताते है कि होलाष्टक को ज्योतिष के नजरिए से एक प्रकार का दोष माना जाता है। जिसके कारण इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं किये जाते हैं। पौराणिक विवरण के मुताबिक, होली के आठ दिन पूर्व अर्थात फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से प्रकृति में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो जाता है। इस नकारात्मक ऊर्जा के कारण ही सभी मांगलिक कामों में रोक लग जाती है। पंडित जी बताते है कि इस दिन के लिए ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव ने होलाष्टक के पहले दिन कामदेव को भस्म कर दिया था क्योंकि कामदेव ने भगवान शिव की तपस्या भंग करने की कोशिश की थी।
बिल्कुल ना करें ये काम
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि होलाष्टक के 8 दिन किसी भी मांगलिक शुभ कार्य को करना शुभ नहीं होता है। इसलिए भूलकर भी कोई शुभ काम न करें। इस दौरान शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश, हिंदू धर्म के 16 संस्कार, कोई भी नया व्यवसाय या नया काम शुरू करने से बचना चाहिए। होलिका दहन के बाद ही कोई भी शुभ कार्य का आरंम्भ करें।