खास बात यह है कि कांग्रेस की कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह नियुक्ति की है. पार्टी सूत्रों का कहना है कि दिग्विजय सिंह को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर कांग्रेस हाईकमान ने उनका कद बढ़ाया है. इससे यह संकेत भी मिलता है पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अभी भी पार्टी में अहम स्थान रखते हैं. कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के इस कदम का मध्यप्रदेश में व्यापक असर पडना तय है.
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गौरतलब है कि प्रदेश में इन दिनों कांग्रेस खासी सक्रिय दिखाई दे रही है. इस सक्रियता में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ दिग्विजय सिंह व उनके पुत्र भी शामिल हैं. दिग्विजय और उनके विधायक पुत्र जयवर्धन सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार के कई मामलों में उग्र खिलाफत की है. प्रदेश में कमलनाथ सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद से ही पिता—पुत्र ज्यादा आक्रामक दिख रहे हैं.
इसके पहले भी दिग्विजय सिंह को कांग्रेस की अहम समितियों में शामिल किया जा चुका है. कांग्रेस की आर्थिक मामलों की समिति का उन्हें भी सदस्य बनाया गया था। दिग्विजय सिंह को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी का स्थायी सदस्य थी बनाया गया था। हालांकि नई कमेटी और उसका अध्यक्ष बनने के अहम राजनैतिक निहितार्थ हैं।