मधुमेह महिला व पुरुष दोनों में अलग-अलग तरह से प्रभाव डालती है। कई बार महिलाएं कई परेशानियों को चुपचाप सहन करती रहती हैं। जिससे कम मामले दर्ज होते हैं। जागरुकता के जरिए इसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। डॉ. कुलदीप गुप्ता, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट, जीएमसी भोपाल
मधुमेह कंट्रोल रखना जरूरी
मधुमेह की वजह से किडनी और पैर से जुड़े रोग पुरुषों में 7 से 10 फीसदी अधिक हो रहे हैं। कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. किसलय श्रीवास्तव के अनुसार महिलाओं में एस्ट्रोजन व अन्य हार्मोन के कारण यह अंतर आता है। एक समय के बाद दोनों में सामान्य खतरा डॉ.श्रीवास्तव ने बताया कि महिलाओं में मेनोपॉज से पहले यानी लगभग 45 साल के आस पास ही यह अंतर रहता है। इसलिए महिलाओं में कम आयु में हार्ट अटैक आने के कम मामले आते हैं। मासिक धर्म हमेशा के लिए बंद हो जाने के बाद महिलाओं व पुरुषों दोनों में यह खतरा सामान्य हो जाता है। इसलिए मधुमेह को कंट्रोल में रखना बेहद जरूरी है।
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राजधानी के 13 प्रतिशत कामकाजी लोग मधुमेह पीड़ित पं. खुशीलाल आयुर्वेद कॉलेज के शोध के अनुसार राजधानी में व्यवसाय और नौकरी करने वाली 13 फीसदी आबादी मधुमेह से पीड़ित है। स्वस्थ वृत्त विभाग की डॉ. सालेहा जैनब के शोध में 7 पेशों से जुड़े करीब 700 पेशेवरों की जीवनशैली और उनकी बीमारियों का 8 माह तक अध्ययन के बाद यह रिपोर्ट तैयार हुई है। इसमें सबसे ज्यादा रोगी व्यवसाय और प्रशासन पेशे में पाए गए।
यही नहीं इन कुल लोगों में से 52 फीसदी शारीरिक निष्क्रिय जीवन शैली जी रहे हैं। एम्स, भोपाल की शोध में बताया गया है कि मधुमेह से पीड़ित मरीज एलोपैथिक और आयुर्वेदिक दवाएं साथ-साथ न लें। यह उनके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
ऐसे पहचानें बीमारी
● अधिक भूख लगना ● अधिक प्यास लगना ● लगातार वजन घटना ● सुस्ती बने रहना ● बार-बार यूरिन होना ● शरीर में बार-बार एलर्जी होना।