बिजली बिल कनेक्शन, क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने और लोन देने जैसे वादों में फंसाकर ठग आपके मोबाइल-कम्प्यूटर में सेंध लगा रहे हैं। एनीडेस्क, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर और मिंगल व्यू प्रमुख मिरर ऐप हैं। ये ऐप आपको पागल बना भी देंगे और आप समझ भी नहीं पाएंगे। अग आप कभी भी इस तरह की ठगी का सामना करते हैं तो तुरंत1930 पर कॉल कर मदद लें।
ऐसे समझें तकनीक
मिरर एप एक प्रकार का तकनीकी जरिया है, जिसके माध्यम से आपका मोबाइल या कम्प्यूटर इंटरनेट के माध्यम से दूसरे मोबाइल या कम्प्यूटर के साथ आसानी से जुड़ जाता है। इस प्रकार एक बार मिरर एप्लीकेशन कनेक्ट होने पर आपके मोबाइल और कम्प्यूटर की सारी जानकारी सामने वाले की डिवाइस पर नजर आने लगती है। शैलेन्द्र श्रीवास्तव,साइबर एक्सपर्ट, पूर्व डीजी का कहना है कि मिरर ऐप के बारे में जानकारी होना आज के समय में सबसे बड़ी जरूरत है। इसे इस्तेमाल करने और गोपनीय रखने की बातें समझकर आप आसानी से साइबर फ्रॉड से बच सकते हैं।
सोचकर “Allow” पर क्लिक करें
फोन में एप्लिकेशन चलाते समय कई बार आपसे अनुमति मांगी जाती है, जिसे आप परमिशन दे भी देते हैं. लेकिन क्या होता है जब आप किसी एप्लिकेशन का इस्तेमाल करते समय “Allow” पर क्लिक करते हैं, आप जो परमीशन देते हैं, असल में वही साइबर फ्रॉड में सहायक बनती है। एप इंस्टॉल करते समय परमिशन देने के बाद हैकर स्मार्ट फोन को रिमोट एक्सेस पर लेकर डाटा को आसानी से चुरा लेते हैं क्योंकि इस्तेमाल करने की परमीशन एप इंस्टॉल करने के समय यूजर अनजाने में दे चुके होते हैं। इस तरह हैकर परमीशन के बाद वह सारा डाटा एक्सेस कर लेते हैं, इसलिए आपको सावधान रहने की जरूरत है। अब इसे लेकर विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, ऐसा नहीं करने पर आप मुश्किल में फंस सकते हैं। सजग रहने पर साइबर खतरे से काफी हद तक बचा जा सकता है।
ध्यान से पढ़ें परमिशन वाला मैसेज
एक बार एप्लीकेशन डाउनलोड करने के बाद सभी तरह की परमिशन के मैसेज आते हैं, जिन्हें ओके करने और ओटीपी देने के बाद हैकर मोबाइल या कम्प्यूटर में प्रवेश कर जाता है। इसलिए जब भी ऐप डाउनलोड करे तो पहले ध्यान से सबकुछ पढ़े तब ही परमिशन ओके करें।