आपको बता दें कि, किसान द्वारा दी जाने वाली इस जानकारी का सत्यापन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के साथ साथ पटवारी द्वारा किया जाएगा। इस जानकारी का इस्तेमाल फसल हानि, न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना, भावांतर योजना, किसान क्रेडिट कार्ड और कृषि ऋण के लिए होगा। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश और आत्मनिर्भर किसान के लिए ये राज्य सरकार का किसानोन्मुखी फैसला है।
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आसानी से दर्ज कर सकते हैं जानकारी
एमपी किसान ऐप गूगल प्लेस्टोर से सीधे डाउनलोड होगा। किसान इस एप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर लॉग इन कर ‘फसल स्व-घोषणा, दावा आपत्ति’ विकल्प पर क्लिक करके अपने खेत को जोड़ सकते हैं। खाता जोड़ने के लिए प्लस विकल्प पर क्लिक करें, जिला/तहसील/गांव/खसरा आदि का चयन करके एक या अधिक खाते जोड़े जा सकते हैं। खाता जोड़ने के बाद, खाते की सभी खसरा जानकारी ऐप में मिलेगी। किसी भी उपलब्ध खसरा सूचना पर क्लिक करने पर सूचना एआई के जरिए उपलब्ध हो जाएगी। किसान की सहमति से एक क्लिक से फसल की जानकारी दर्ज होगी। अगर वो फसल के संबंध में जानकारी से असहमत हैं तो खेत में बोई गई फसल की जानकारी खेत में उपस्थित होकर लाइव फोटो के साथ दर्ज की जा सकेगी।
किसानों से सीएम की अपील
इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, राज्य सरकार किसानों के हित के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने राज्य के किसानों से अपील की है कि, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाकर ‘मेरी गिरदावरी-मेरा अधिकार’ के तहत एमपी किसान ऐप में अपनी फसल अपलोड करें। उन्होंने कहा कि, इस प्रक्रिया में किसान 15 अगस्त तक ई-गिरदावरी अपनाने के लिए अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
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