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चीताें के आने की उलटी गिनती शुरू: सज-धज वाले विशेष विमान से आएंगे

– नामीबिया से भारत आएंगे चीते

भोपालSep 15, 2022 / 11:18 pm

दीपेश तिवारी

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भोपाल/नई दिल्ली। चीतों को लाने के लिए भारत का विशेष विमान नामीबिया पहुंच चुका है। विमान को बाघ (टाइगर) की तस्वीर के साथ पेंट किया गया है। इसे स्पेशल फ्लैग नंबर 118 दिया गया है। चीतों को नामीबिया से कार्गो विमान के जरिए 17 सितंबर को पहले जयपुर लाया जाएगा। बाद में इन्हें दो चीनूक हेलिकॉप्टर से उसी दिन श्योपुर जिले के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क भेजा जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन पर इन्हें देश को सौंपेंगे। चीतों को कूनो के क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा जाएगा।

नामीबिया में भारत के उच्चायोग ने ट्वीट किया कि सद्भावना राजदूतों को ले जाने के लिए बहादुरों की भूमि पर विशेष पक्षी दूत (विमान) आया है। भारत आने वाले ३ नर और ५ मादा समेत कुल ८ चीतों की तस्वीरें भी जारी की गई हैं। इनकी उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। इनमें दो सगे भाई हैं और नामीबिया के एक प्राइवेट रिजर्व में रह रहे हैं।

नॉन-स्टॉप 16 घंटे की उड़ान
एयरलाइन कंपनी दुनिया के किसी देश में चीतों को शिफ्ट करने का काम पहली बार करने जा रही है। इसके लिए विमान में कुछ बदलाव किए गए हैं, ताकि उसके मुख्य केबिन में पिंजरों को सुरक्षित रखा जाए और उड़ान के दौरान डॉक्टर चीतों पर नजर रख सकें। यह विशाल विमान 16 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम है। ईंधन भरवाने के लिए कहीं रुके बिना यह नामीबिया से सीधे भारत जा सकता है।
खाली पेट सफर करेंगे ‘मेहमान’
भारतीय वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीतों को हवाई यात्रा के दौरान खाली पेट रहना होगा। लंबी दूरी की यात्रा में यह एहतियात बरतना जरूरी है, क्योंकि पशुओं को अपच जैसी दिक्कत हो सकती है।
सैटेलाइट कॉलर आइडी से निगरानी- कर्मचारी पीछे-पीछे करेंगे ट्रैकिंग
कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए तीन हजार वर्ग किलोमीटर तक ट्रैकिंग की व्यवस्था की गई है। चीतों को सैटेलाइट कॉलर आइडी लगाई गई है, इससे इनकी सटीक लोकेशन मिलती रहेगी। चीतों को जंगल में छोड़े जाने के बाद हर चीते के साथ एक ट्रैकिंग पार्टी रहेगी, जो उससे करीब डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर चलेगी।

चीते एक माह तक क्वारंटीन बाड़े में रहेंगे। इसके बाद तीन से चार माह तक सौ वर्ग किलोमीटर के बाड़े में छोड़ा जाएगा। जब चीते यहां की आबोहवा में ढल जाएंगे, तब इन्हें अगले वर्ष मार्च तक खुले जंगलों में छोड़ा जाएगा। इससे पहले आहर-व्यवहार के अनुसार पूरी तैयारी कर ली जाएगी। १०० वर्ग किलोमीटर के बाड़े में भी इनकी हर घंटे की मॉनीटरिंग की जाएगी।
बताया जाता है कि सैटेलाइट आइडी कालर के जरिए हर घंटे चीते की लोकेशन लिए जाने की व्यवस्था है, लेकिन ऐसा करने पर कॉलर की बैटरी डिस्चार्ज होने के कारण जल्द बदलना पड़ेगा। उसे जल्दी-जल्दी बदलना संभव नहीं होगा। इसलिए अधिकारियों ने तय किया है कि हर चार घंटे में जानकारी ली जाएगी।

टॉवर पर लगे थर्मल कैमरे
पार्क में विशेष बाड़े के नजदीक ५ टॉवर बनाए हैं। जिन पर हाई रेज्युलेशन थर्मल इमेज कैमरे लगाए गए हैं, जो 360 डिग्री पर घूमकर जंगल को स्कैन करेंगे।

सीएम बोले- बारिश से बचाव की हो व्यवस्था
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चीता प्रोजेक्ट की गुरुवार को समीक्षा की। सीएम ने कहा कि बारिश की संभावना है, इस कारण इसे देखते हुए पर्याप्त इंतजाम किए जाएं। कराहल में होने वाले महिला स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों से परिचित कराने समूहों के उत्पादों को प्रदर्शित करने और समूह के सदस्यों से संवाद की व्यवस्था भी हो।

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