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कांग्रेस को लगता है कि कोरोना काल और महंगाई के मुद्दे पर जनता सरकार के खिलाफ है। लोगों की नाराजगी को वोट में बदलने प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ उपचुनावों का चक्रव्यूह तैयार कर रहे हैं। इसमें हर सीट पर कम से कम दस विधायकों की टीम तैनात की जाएगी।
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दमोह की तर्ज पर सियासत की लड़ाई
इन उपचुनावों को भी कांग्रेस दमोह उपचुनाव की तर्ज पर लड़ेगी। जिस तरह कांग्रेस ने दमोह में भाजपा को शिकस्त दी, उससे पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ गया है। इन चुनावों की कमान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के हाथों में ही रहेगी। कमलनाथ के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा और वे ही बड़े स्टार प्रचारक होंगे। हालांकि अन्य वरिष्ठ नेताओं को भी इन उपचुनावों में जिम्मेदारी दी जाएगी।
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पूर्व मंत्री भी सक्रिय
हर सीट पर चार पूर्व मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी। उपचुनाव के नतीजे लिटमस टेस्ट होंगे। नतीजे ही बताएंगे कि कांग्रेस को 2023 के विधानसभा चुनावों की तैयारियों में कितनी मेहनत की जरूरत है।
उपचुनाव के लिए अलग घोषणा पत्र
कांग्रेस चारों सीटों का अलग घोषणा जिले की तासीर और जरूरतों के आधार पर तैयार कर रही है। टीम सर्वे कर रही है। कमलमाथ सरकार के 15 माह के कामकाज को भी प्रमुखता से जनता के सामने रखा जाएगा।
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प्रदेश में चार सीटों पर उपचुनाव
खंडवा लोकसभा सीट: भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन से सीट खाली। अरुण यादव टिकट के दावेदार हैं।
पृथ्वीपुर विधानसभा: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह राठौर लगातार विधायक रहे हैं। कोरोना. लगातार विधायक रहे हैं। कोरोना से निधन हो गया। अब कांग्रेस उनके पुत्र को टिकट दे सकती है।
जोबट विधानसभा: कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन से सीट खाली। सुलोचना रावत, मुकेश पटेल, विक्रांत भूरिया में से किसी एक पर कांग्रेस विचार कर सकती है।
रैगांव विधानसभा सीट: भाजपा विधायक जुगल किशोर बागरी का भी कोरोना से निधन हो गया था।