वहीं मध्य प्रदेश में आए इस सियासी भूचाल congress in danger को देखते हुए बीजेपी ने भी अपनी रणनीति शुरू कर दी है। इसी के चलते पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की है। दोनों नेताओं के बीच राज्य के ताजा घटनाक्रम पर बातचीत दिल्ली मुख्यालय में हुई।
इससे पहले समाचार Jyotiraditya scindia news लगातार ये सूचना आ रही थी कि एक बार फिर कांग्रेस के कई विधायक लापता Scindia Fans Club हैं। जिसके बाद मालूम चला कि ये विधायक एक चार्टर प्लेन से बेंगलुरु पहुंचे हैं।
वहीं माना जा रहा है कि आज रात सिंधिया scindia कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी soniya gandhi से मुलाकात कर सकते हैं।
अचानक बदले इस घटनाक्रम को देखते हुए सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे सीएम कमलनाथ ने दिल्ली के अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर अपना दिल्ली का दौरा बीच में ही खत्म कर दिया है और वे भोपाल लौट आए हैं।
बताया जा रहा है कि इस घटनाक्रम के मद्देनजर भोपाल में सीएम कमलनाथ ने आपात बैठक बुलाई है। बैठक में वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और दूसरे मंत्री मौजूद हैं। वहीं कमलनाथ को समर्थन करने वाले कई विधायक Jyotiraditya scindia news भी इस बैठक में पहुंच रहे हैं, कमलनाथ के नजदीकी सूत्रों ने बताया है कि मध्य प्रदेश सरकार को कोई खतरा नहीं है। जानकारी के अनुसार अभी रात में करीब 10 बजे कमलनाथ सरकार बैठक कर सकती है।
राजनीति के जानकारों की मानें तो इस बैठक में यदि कमलनाथ सख्त हुए तो कुछ विधायकों से इस्तीफे लिए जाने के अलावा कुछ कड़े निर्णय लिए जा सकते हैं, वहीं यदि वे इससे संतुष्ट हुए कि वे बहुमत में नहीं है तो पूरा मंत्रिमंडल त्यागपत्र भी दे सकता है। वहीं इस बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी सुबह प्रेस कॉफ्रेंस से दिए जाने की उम्मीद है।
वहीं चर्चा है कि आज रात में सिंधिया सोनिया गांधी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजनीति में चल रहे सियासी उथल-पुथल के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। यह बैठक शाम 7 बजे होने की बात समाने आ रही है। इस बीच खबर आ रही है कि मंगलवार की सुबह 6:40 बजे की फ्लाइट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के साथ वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा भी दिल्ली से भोपाल के लिए रवाना होंगे। बताया जाता है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी विधायकों को तुरंत भोपाल पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है।
दरअसल, पिछले दिनों से गायब हुए कांग्रेस के व उनका समर्थन करने वाले विधायकों की एक एक कर वापसी शुरू हो गई थी, ऐसे में सरकार कुछ हद तक खुद को निश्चिंत मान रही थी, कि तभी एक बड़ी सियासी scindia supporters fans हलचल से मप्र सरकार पर संकट गहराना सोमवार से फिर शुरू हो गया। इस दौरान सिंधिया खेमे scindia supporters के मंत्रियों और विधायकों के फोन स्विच ऑफ कर लिए। खबर आई कि ये विधायक बेंगलुरू में हैं। जिसके चलते आलाकमान सकते में आ गया। इन नए गायब हुए विधायकों में जसवंत जाटव, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, ओपीएस भदौरिया के अलावा कमलनाथ सरकार में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, महिला विकास मंत्री इमरती देवी और स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट जैसे बड़े नाम शामिल हैं।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री के दिल्ली प्रवास के दौरान मप्र से सिंधिया समर्थक scindia supporters लापता विधायक रघुराज सिंह कंसाना अचानक फोन पर सामने आ गए थे। कंसाना से मोबाइल पर बात के बाद सिंधिया समर्थक छह मंत्री इमरती देवी, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसौदिया और प्रद्युम्न सिंह तोमर के अलावा विधायक मुन्नालाल गोयल munna lal goyal आदि के मोबाइल बंद हो गए। इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्री और विधायक भूमिगत होने लगे।
बताया जाता है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के बेटे बेंगलुर में मप्र के सभी मंत्री-विधायकों MLAs and Ministers की आव-भगत में विशेष रूप से तैनात किए गए हैं। सोमवार को मंत्री-विधायक समेत 10 लोगों को एक साथ चार्टर प्लेन के जरिये दिल्ली से बेंगलुरु पहुंचाया गया है।
वहीं विधायकों के बेंगलुर ही जाने के संबंध में राजनीति के जानकारों का कहना है, दरअसल वहां भाजपा bjp की सरकार है, ऐसे में कांग्रेस से नाराज विधायक वहां खुद को सेफ मानते हैं।
मध्यप्रदेश में चल रही राजनीतिक उठापटक political drama in mp का पटाक्षेप सत्ता-पलट से जोड़कर देखा जाने लगा है। होलिका दहन के साथ ही सत्ता-संगठन में बड़े चौंकाने वाले बदलाव की तैयारी चल रही है। इस बीच सोमवार को सिंधिया समर्थक 17 मंत्री-विधायकों के बेंगलुरु पहुंच जाने को बड़े सियासी भूचाल की आहट माना जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कमलनाथ पार्टी विधायकों और मंत्रियों की ब्लैकमेलिंग और बीजेपी की धमकियों political drama in mp से नाराज बताए जा रहे हैं। ऐसे में सीएम अब ब्लैकमेलिंग और दबाव सहने के मूड में नहीं हैं, इसलिए अब कोई बड़ा फैसला वो ले सकते हैं। इसके साथ ही विधायकों के बेंगलुरु पहुंचने को एक-दो दिन में बड़े बदलाव की तरफ इशारा माना जा रहा है।
गणित से ऐसे समझें : तो अल्पमत में आ जाएगी सरकार… मप्र विस की कुल सीटें-230 -दो सीटें रिक्त, प्रभावी संख्या 228 -अभी बहुमत का आंकड़ा 115 सत्तापक्ष -कांग्रेस 114
17 विधायकों के इस्तीफों के बाद ऐसा होगा गणित… -विस की प्रभावी संख्या होगी 211 -बहुमत के लिए जरूरी होंगे 106 -4 निर्दलीय विधायकों ने भाजपा का साथ दिया तो भाजपा का आंकड़ा 110
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं। 2 विधायकों का निधन होने से वर्तमान में 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। इसके अलावा 4 निर्दलीय विधायक, 2 बसपा (एक पार्टी से निलंबित) और 1 एसपी विधायक का भी समर्थन मिला हुआ है। इस तरह कांग्रेस के खेमे political drama in mp में फिलहाल 121 विधायक हैं, वहीं भाजपा के पास 107 विधायक हैं। बहुमत का आंकड़ा 116 है। अगर 10 विधायक पाला बदलकर विधानसभा में भाजपा का समर्थन किया तो बीजेपी का आंकड़ा 117 यानी बहुमत से एक सीट ज्यादा हो जाएगा। ऐसे में मध्य प्रदेश की मौजूदा सरकार के गिरने का खतरा congress in tension मंडरा रहा है।