इस बॉक्स में कई लोग कपड़े लाकर डालते हैं। इसमें से जो कपड़े अच्छे होते हैं, उसका वितरण कर दिया जाता है, जबकि जो कपड़े पहनने लायक नहीं होते हैं, उन कपड़ों का बैग बनाते हैं और उसका वितरण करते हैं। इसके पीछे उद्देश्य यहीं है कि प्लास्टिक और पॉलीथिन का इस्तेमाल कम हो और पर्यावरण सुरक्षित रहे।
लखेरापुरा स्थित श्रीजी मंदिर शहर के प्राचीन मंदिरों में शामिल है। यहां पूरे वर्ष आयोजनों का सिलसिला चलता है। महाशिवरात्रि के बाद होली तक यहां होली उत्सव का आयोजन किया जाता है। इसी प्रकार प्रमुख महीनों में कई आयोजन होते हैं। सावन माह में हिंडोला उत्सव का आयोजन भी यहां धूमधाम से किया जाता है। दीपोत्सव के तहत भी मंदिर में अनेक आयोजन होते हैं। धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ यहां सेवा कार्य भी किए जाते हैं।