इस पूरे मामले में सीएम मोहन यादव ने कहा है कि सभी पक्ष न्यायालय के सामने अपनी बात रखें। आगे उन्होंने ये भी कहा कि हम हाईकोर्ट के परामर्श के बाद ही आगे बढ़ेंगे। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने एफिडेविट दिया है कि वे 6 सप्ताह के भीतर जनता का भरोसा हो जाने के बाद इस कचरे को नष्ट करेंगे। अब कोर्ट ने राज्य सरकार को 6 सप्ताह का समय दे दिया है।
ये भी पढ़ें: एमपी में बनेगा नया ‘कॉरिडोर’, ली जाएगी 17 गांवों की जमीन आगे सीएम मोहन यादव ने कहा कि हाईकोर्ट सभी पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला देगा। हम सब की आस्था और विश्वास कोर्ट में है। सीएम ने कहा कि मैं भी यही कहना चाहूंगा की सभी पक्ष न्यायालय के सामने अपनी बात रखें। फैसला हम सब की आशा अपेक्षा के अनुसार आया है।
ये है मामला
बता दें कि 40 साल पहले 2-3 दिसंबर 1984 की देर रात भोपाल में यूनियन कार्बाइड के कीटनाशक कारखाने से मिथाइल आइसोसाइनेट (MIC) गैस का रिसाव हुआ, जिससे लगभग 5 हजार लोगों की मौत हो गईथी। हाई कोर्ट के निर्देश पर 2 जनवरी को 12 सीलबंद कंटेनरों में पैक किए गए कचरे को भोपाल स्थित बंद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से पीथमपुर के निपटान स्थल पर 250 किमी दूर स्थानांतरित किया गया। इसके बाद पीथमपुर में जमकर बवाल हुआ। दो लोगों ने आत्मदाह का प्रयास किया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। इसके बाद सरकार ने सभी की सहमति से कचरा जलाने का निर्णय लिया। अब कोर्ट ने सरकार को कचरा जलाने के संबंध में निर्णय लेने के लिए 6 सप्ताह का समय दिया है।