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पहले भी की जा चुकी है कार्रवाई
बता दें कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद भी अघोषित बिजली कटौती और लापरवाही बरतने के आरोप में सरकार ने विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन और हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन भीषण गर्मी और कई इलाकों में सूखे की मार झेल रहे एमपी में बिजली गुल होने की समस्या भी जस की तस बनी हुई है।
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फटकार के बाद कटौती में आई कमी
इस संबंध में कमलनाथ सरकार पहले ही ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को सख्त चेतावनी जारी कर चुकी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विभाग के अधिकारियों को फटकार भी लगाई थी। इसके बाद बुधवार को कटौती के मामलों पर शिकायते कम आईं यानी साफ है कि, इस दिन अन्य दिनों के मुकाबले कम बिजली कटौटी हुई। हालांकि, इस दिन प्रदेश के जिन क्षेत्रों से बिजली कटौती की शिकायतें आई, उनमें ज्यादातर इलाकों में फॉल्ट होने के कारण बिजली गुल करनी पड़ी थी।
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सरकार को अपनों ने ही घेरा
प्रदेश में बिजली कटौती का मुद्दा इतना गर्म हो चुका है कि, अब यहां कि जनता, विपक्ष के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार को उनके ही लोग घेरने लगे हैं। राजधानी भोपाल की मध्य विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने इस मुद्दे पर अब सीधे-सीधे बिजली मंत्री को ही ललकार दिया है। मसूद ने ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह के बारे में टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘अगर आपकी जगह मैं होता तो अब तक कई अफसरों को जेल भेज चुका होता।’ इससे पहले विधायक मसूद, बिजली कटौती से नाराज़ होकर बिजली दफ्तर भी पहुंच चुके हैं। वहां उन्होंने बिजली कटौती को लेकर नाराज़गी भी जाहिर की थी। उस दौरान विधायक ने कहा था कि, ‘पुराने शहर के इलाकों में जानबूझकर बिजली गुल की जा रही है, जो सरारस गलत है।’