जांच को असली गुनहगारों तक केन्द्रित करें। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि आईएएस-आईपीएस वॉर के चलते हनी ट्रैप में जानबूझकर ऐसे तथ्य लीक किए जा रहे हैं, जिससे मध्यप्रदेश की छवि खराब हो रही है। बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने स्पेशल डीजी शर्मा के आरोपों पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने संकेत दिए हैं कि इस मामले में सख्त एक्शन लूंगा।
माना जा रहा है कि इस नाराजगी के बाद स्पेशल डीजी को एक दो दिन में अनुशासनहीनता का नोटिस दिया जा सकता है। उन्होंने डीजीपी से पूछा कि जब पुलिस जांच कर रही थी तो एटीएस क्यों शामिल हुआ। मुख्यमंत्री ने बयानबाजी करने वाले स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा को चर्चा से दूर रखा। जानबूझकर ऐसे तथ्य लीक हो रहे हैं, जिनसे मध्यप्रदेश की छवि बाहर खराब हो रही है।
आरोपी महिलाओं ने हनीट्रैप कर खरीदी करोड़ों की जमीन
हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में गिरफ्तार आरोपी महिलाओं ने ब्लैकमेलिंग से मिली राशि को जमीन खरीदने में निवेश किया। श्वेता विजय जैन, श्वेता स्वप्निल जैन और बरखा सोनी के यहां से बरामद दस्तावेजों में पता चला है कि उनका जमीन-जायदाद में निवेश था। अभी तक 50-60 एकड़ जमीन के दस्तावेज मिले हैं। इस बीच भोपाल की अदालत ने बरखा, श्वेता विजय और श्वेता स्वप्निल को एक दिन के ट्रांजिट रिमांड पर एसआईटी को सौंपा। इन्हें आरती और मोनिका के साथ मंगलवार को इंदौर की अदालत में पेश किया जाएगा।
काम निकलवाने के लिए बनाते थे वीडियो
एसएसपी रुचिवर्धन मिश्र ने मीडिया से कहा, आरती के घर से बेरिएट्रिक सर्जरी की पर्चियां मिली हैं। लगता है कि उसने सर्जरी कराई। इन महिलाओं ने ज्यादातर वीडियो अपना काम निकलवाने के लिए बनाए।