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भोपाल

मुख्यमंत्री कमलनाथ के बड़े फैसले का इंतजार, भनक लगते ही सीएम हॉउस पहुंचे IAS अफसर

Chief Minister Kamal Nath – पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर मिल जाएंगे। लाठीचार्ज, जिलाबदर और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर से आदेश नहीं लेना होगा। धरना-प्रदर्शन और रैली की मंजूरी भी पुलिस के स्तर पर ही होगी।

भोपालAug 15, 2019 / 11:34 am

KRISHNAKANT SHUKLA

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मुख्यमंत्री कमलनाथ के बड़े फैसले का इंतजार, भनक लगते ही सीएम हॉउस पहुंचे IAS अफसर

भोपाल. प्रदेश के भोपाल और इंदौर में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने को लेकर बुधवार को एक बार फिर आइएएस और आइपीएस अफसर आमने-सामने आ गए। डीजीपी वीके सिंह ने कमिश्नर प्रणाली का प्रस्ताव सीधे मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेज दिया।

इसकी भनक आइएएस अफसरों को लग गई। इस पर देर रात आइएएस एसोसिएशन की अध्यक्ष अपर मुख्य सचिव गौरी सिंह, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग जैन एवं कार्मिक विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुकर्जी सहित अन्य आइएएस अफसर सीएम हाऊस पहुंचे।

 

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आइएएस अफसरों ने इस सिस्टम को प्रदेश हित के खिलाफ बताया। अफसरों ने दो घंटे से ज्यादा समय तक इसकी खामियां भी गिनाईं। इससे पहले पुलिस अफसर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए इस सिस्टम को लागू करना जरूरी बता चुके थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कमलनाथ ने फैसला गुरुवार सुबह तक के लिए होल्ड कर दिया।

अब वे सुबह निर्णय लेंगे कि कमिश्नर प्रणाली को लागू किया जाए या नहीं। यदि वे इसे लागू करने पर सहमत होते हैं तो 15 अगस्त के मुख्य समारोह में इसकी घोषणा कर देंगे। सूत्रों के मुताबिक पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी कमिश्नर प्रणाली को लागू कराने के पक्ष में हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इसकी सिफारिश भी की है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सात साल पहले 2012 में विधानसभा में कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो पाए थे।

शिवराज सिंह ने 7 साल पहले की थी घोषणा

पिछली भाजपा सरकार में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 28 फरवरी 2012 को विधानसभा में भोपाल-इंदौर में कमिश्नर सिस्टम की घोषणा की थी, लेकिन आइएएस अफसरों के दबाव के बाद फाइल ठंडे बस्ते में चली गई। विधानसभा चुनाव से पहले भी आइपीएस ने जोर लगाया तो शिवराज ने एक बार फिर सहमति दी, लेकिन आइएएस ने इसे लागू होने नहीं दिया।

नए सिस्टम की बजाय जिम्मेदारी से करें काम

टॉप का सिस्टम बदलने से अपराधों में कमी नहीं आएगी। थाने से लेकर जिला और संभाग मुख्यालय में पदस्थ अफसर और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से निभाएं तो अपराध पर स्वत: अंकुश लग जाएगा।
– निर्मला बुच, पूर्व मुख्य सचिव

नई व्यवस्था में जल्द रिजल्ट दे पाएंगे अफसर

पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने से पुलिस अधिकारी जवाबदेह होंगे। दूसरे राज्य इसे लागू कर चुके हैं, वहां अच्छे परिणाम भी मिले हैं। जब तक अच्छा सिस्टम नहीं बनेगा, पुलिस अफसर बेहतर रिजल्ट नहीं दे सकेंगे।
– प्रकाश सिंह, रिटा. डीजी, बीएसएफ

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