दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ से पार्टी कार्यकताओं सहित मिलने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है। इस कारण उन्होंने दिन और समय तय किया है। सोमवार और गुरुवार को उनसे मंत्री मिल सकेंगे। वहीं, विधायक मंगलवार और शुक्रवार को मिल सकेंगे। विधायकों को विशेष कारणों को छोड़कर अलग से समय नहीं दिया जाएगा।
पांचवीं मंजिल पर बरती जा रही सख्ती
कमलनाथ से मिलने वालों की बढ़ती भीड़ के कारण ही पांचवीं मंजिल पर गैरजरूरी लोगों के प्रवेश पर सख्ती बरती जा रही है। इसमें नेताओं के साथ आने वाले कार्यकर्ताओं को भी रोका जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सिर्फ मेल-मुलाकात के लिए अलग से समय दिया जाए। यहां तक कि मंत्रालय के अफसरों को भी संदेश दिया गया है कि वे जरूरी काम होने पर ही सीएम से मुलाकात करें। फिलहाल कमलनाथ वचन-पत्र के बिंदुओं के साथ मौजूदा योजनाओं के रिव्यू और नवाचार को लेकर फोकस कर रहे हैं।
कैबिनेट 16 को जबलपुर में
क मलनाथ ने कैबिनेट की बैठक 16 फरवरी को जबलपुर के शक्ति भवन में तय की है। इसमें मुख्य रूप से महाकौशल से संबंधित मामलों के प्रस्ताव रखे जाएंगे। बैठक में छिंदवाड़ा मॉडल की तर्ज पर महाकौशल के विकास का रोडमैप बनेगा। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने जबलपुर में कैबिनेट बैठक की मांग की थी।
लोकसभा चुनाव का दबाव
दो महीने बाद ही लोकसभा चुनाव होना है। ऐसे में कमलनाथ सरकार के पास समय कम और काम ज्यादा है। कमलनाथ चुनाव के पहले ही ज्यादा से ज्यादा वचन पूरे करना चाहते हैं, इसलिए वे सीएम ऑफिस में सुबह 9 से रात 10 बजे तक बैठ रहे हैं। उन्होंने मेल-मुलाकात के समय को भी बचाने की पहल की है।