इसे अंधविश्वास कहें या और कुछ लेकिन हकीकत यही है कि छतरपुर का चौका गांव खजाने के कारण खाली हो गया है। लोग बताते हैं कि बुरी आत्माओं के डर से ग्रामीण अपना घर छोड़ कर चले जाते हैं। छतरपुर जिला मुख्यालय के सटे इस गांव में करीब 50 परिवार बसे थे, लेकिन एक-एक कर सभी यहां से चले गए। चौका में अब सिर्फ 2 लोग रह रहे हैं।
आसपास के गांव के लोग चर्चा करते हैं कि चौका में एक भुतहा खजाना है। खजाने के कारण लोग दौलतमंद भी बन गए पर बीमार हो जाता है। बताया जाता है कि जब कई लोग बीमार हुए तो ओझाओं, तांत्रिकों ने बताया कि यहां रहोगे तो ऐसी परेशानी आएगी, इसलिए गांव से चले जाओ। इसके बाद गांव खाली हो गया।
जंगलों में कटारा नदी के किनारे बचे चौका में अब दो बुजुर्ग रहते हैं। 60 साल के आत्मा राम तिवारी और 80 साल की महिला दुर्जन राजा यहां अकेले बच गए हैं। हैरानी की बात तो यह है दोनों को कोई डर नहीं लगता और भूत प्रेत की बातों को वे अफवाहें बताते हैं।
चौका के कुछ लोग गांव से 1 किमी मुख्य मार्ग पर बस गए हैं। इन लोगों ने बताया कि सुविधाएं नहीं होने से हमने गांव छोड़ा। एक-दो लोग ही दबे स्वरों में खजाने और बुरी आत्माओं की बात करते हैं। महिला दुर्जन राजा ने बताया कि गांव वालों को पीएम नरेंद्र मोदी की योजना के पैसे मिल गए जिससे उन्होंने मेन रोड पर मकान बनवा लिए हैं।
नोट- यह केवल सूचनात्मक खबर है। भूत प्रेत की बातों या अंधविश्वास को बढ़ावा देना हमारा उद्देश्य नहीं है।