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भोपाल

सर्वाइकल कैंसर यानि बच्चेदानी के मुंह का कैंसर, आपसे रहेगा कोसो दूर

राजधानी भोपाल में महिलाओं में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। एनसीडीआईआर की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश कैंसर के मामले में राजधानी भोपाल देशभर में दूसरे नंबर पर है…

भोपालFeb 04, 2024 / 01:27 pm

Sanjana Kumar

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राजधानी भोपाल में महिलाओं में कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं। एनसीडीआईआर की रिपोर्ट के मुताबिक मध्यप्रदेश कैंसर के मामले में राजधानी भोपाल देशभर में दूसरे नंबर पर है। वहीं गंभीर चिंता का विषय ये है कि रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि 2025 में कैंसर से पीडि़त लोगों में महिलाएं सबसे ज्यादा होंगी। महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले बढ़े हैं… क्या आप जानते हैं सर्वाइकल कैंसर क्या है? आज वल्र्ड कैंसर डे पर हम आपको बता रहे हैं आम बोलचाल की भाषा में बच्चेदानी के मुंह का कैंसर क्या है और आप कैसे इससे बचे रह सकते हैं…

सर्वाइकल कैंसर क्या है

आम बोलचाल की भाषा में सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर महिलाओं के सर्विक्स सेल्स में विकसित होता है। ये हिस्सा यूट्रस यानि बच्चेदानी के निचले हिस्से यानि बच्चेदानी के मुंह का वह हिस्सा है जो सीधे वेजाइना से जुड़ता है। ये कैंसर एक स्पेशल प्रकार के एचपीवी, सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के कारण फैलता है।

सर्वाइकल कैंसर के मामले अकेले भोपाल, एमपी या देश में नहीं बल्कि दुनिया भर में तेजी से बढ़े हैं। लेकिन लाइफ स्टाइल में कुछ बदलाव करके सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है। इंदौर कैंसर फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. दिगपाल धारकर का कहना है कि 35 साल में ढाई लाख लोगों में कैंसर की जांच की है। झाबुआ, अलिराजपुर, सीधी जिले के कुछ ब्लॉक में सर्वाइकल कैंसर पीडि़त महिलाएं मिलीं। पीडि़तों की पहचान और निदान के लिए जिला अस्पतालों को सक्षम बनाना होगा। एचपीवी के टीके और मासिक धर्म के समय स्वच्छता जरूरी है। वहीं इनका कहना है कि कुछ सावधानियां रखीं जाएं तो सर्वाइकल कैंसर का खतरा टाला जा सकता है।

ये आदतें सर्वाइकल कैंसर का खतरा कर देंगी कम

– सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए 20 साल से ज्यादा उम्र की सभी लड़कियों और महिलाओं को रेगुलर स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन कराना चाहिए।

– एचपीवी वैक्सीनेशन सर्वाइकल कैंसर से बचाता है। रेगुलर पैप स्मीयर से सर्विक्स में किसी भी असामान्य बदलाव का शुरू में ही पता लगाया जा सकता है और समय पर इलाज शुरू किया जा कता है।

– समय पर इलाज शुरू होने से ये कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकता है और मरीज की जान बच सकती है।

– सर्वाइकल कैंसर से जुड़े एचपीवी और अन्य एसटीडी से बचना चाहते हैं, तो एक ही पार्टनर के साथ सेक्सुअल रिलेशन रखें। इसके अलावा, सेफ सेक्स के लिए कंडोम जैसे उपायों का इस्तेमाल करें।

 

– सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए हेल्दी डाइट भी बेहद जरूरी है। फल, सब्जियों और साबुत अनाज को खाने में शामिल करें।

– इनमें जरूरी विटामिन्स और एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये इम्यूनिटी बूस्टर हैं और एचपीवी जैसे इंफेक्शन से बचने के लिए बेहद जरूरी हैं।

– आजकल लड़कियां, महिलाएं स्मोकिंग करती हैं। ये आदत छोड़ दी जाए, तो सर्वाइकल कैंसर के विकास को रोका जा सकता है।

– ज्यादा अल्कोहल लेने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए अल्कोहल का सेवन कम या बिल्कुल न करें। इन बदलावों को डेली रूटीन में शामिल करने से सर्वाइकल कैंसर का खतरा कम होता है।

 

– मोटापे से अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स होती हैं इनमें एक बड़ा खतरा सर्वाइकल कैंसर का भी है।

– इसलिए, बैलेंस डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज की मदद से अपने वजन को कंट्रोल में रखें।

– योग और मेडिटेशन जैसी तकनीकों को अपनाकर तनाव को कम करें।

– लंबे समय तक तनाव इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, जिससे शरीर बीमारी के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो जाता है।

– लेकिन योग और मेडिटेशन जैसी एक्टिविटी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है।

– डॉक्टर दिगपाल धारकर कहती हैं कि रेगुलर चेकअप कराकर महिलाएं अपने रिप्रोडक्टिव हेल्थ का ध्यान रख सकती हैं। साथ ही यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।

– सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए बैलेंस डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज और तंबाकू जैसे प्रोडक्ट्स से परहेज करके एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं। – इसके अलावा, रोकथाम के लिए एचपीवी वैक्सीनेशन लगवाएं और तीन साल के बाद एलबीसी स्क्रीनिंग जरूर करवाएं।

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