उन्होंने भविष्य में अप्रिय घटना की आशंका भी जताई। विधायक ने इसे बदनाम करने की साजिश बताया। एसपी संजीव सिन्हा ने कहा, आवेदन में कई गंभीर आरोप हैं, मामले की गंभीरता से जांच करवा रहे हैं।
दरवाजा बंदरवाजा बंद कर मोबाइल रखवा लिया
हमने चुनाव में करोड़ों खर्च किए, अब हमें दो आरोप है 19 जून को अनिरुद्ध ने कृषि उपसंचालक को फोन कर विधायक कार्यालय बुलाया। नहीं पहुंचने पर फोन आया। 21 जून को उपाध्याय अधीनस्थ आरएईओ तुलसीराम सोलंकी और ड्राइवर के साथ पहुंचे। अनिरुद्ध ने खाद उपलब्धता की जानकारी मांगी। वाट्सऐप कर 12 बजे कलेक्टर के साथ बैठक का हवाला दिया। अनिरुद्ध दूसरे कमरे में ले गया। दरवाजा बंद कर मोबाइल रखवा लिया। कहा, बुलाया जाता है तो एक घंटे में आएं। कलेक्टर-एसडीएम को अपशब्द कहे। चांचौड़ा में पदस्थ पुलिस अफसर का हवाला देकर कहा कि हम यहां उन्हें पीटते हैं। कहा, छह साल से इलाके में हो, 50 लाख रुपए भेजो। चुनाव में करोड़ों खर्च हो गए। पैसे नहीं दिए तो विधानसभा में प्रश्न लगवाएंगे, झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवाएंगे। 40 मिनट तक बंधक बनाए रखा।
अनिरुद्ध ने अच्छी खाद नहीं मिलने की शिकायत की तो दूसरे नेताओं की तरह रिश्वत लेने को कहा। यह बदनाम करने का प्रयास है।- प्रियंका मीना, विधायक चांचौड़ा आरोप गलत हैं, मैंने न तो बंधक बनाया, न कोई डिमांड रखी। उनके साथ जो लोग आए थे, वे ही सच बता देंगे। अनिरुद्ध मीना, विधायक प्रतिनिधि