पुलिसकर्मी का कहना है कि वे घटना के समय पुलिस स्टेशन में थे ही नहीं। वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी ने नाम न बताने की शर्त पर पत्रिका को बताया कि घटना के दिन मंत्री ने थाने के 15 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने को कहा था। पिता का नाम एफआइआर में शामिल नहीं होने पर पत्रिका के सवाल पर टीआइ रघुनाथ सिंह का तर्क है कि आरोपी की पहचान हो चुकी है, बयान भी ले लिए एफआइआर में, पिता के नाम की जरूरत नहीं है।
अलीशा का कहना है कि पुलिस ने हत्या के प्रयास का मामला दर्ज नहीं किया। अभी तक उससे दुर्व्यवहार की धाराएं भी नहीं जोड़ीं। वह दहशत में है। विवेक सिंह के मामले में भी एफआइआर दर्ज नहीं हुई।
डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला का कहना है कि पुलिस मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है, जिसके आधार पर धाराएं जोड़ी जाएंगी। डीसीपी का कहना है कि महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराते समय छेड़छाड़ का जिक्र नहीं किया था।
मंत्री के बेटे अभिज्ञान पटेल की कथित पिटाई के आरोप में सब-इंस्पेक्टर, एएसआई, दो कॉन्स्टेबल को निलंबित किया है। आरोपी को बेल्ट से पीटने का आरोप है। -हरिनारायणचारी मिश्रा, पुलिस कमिश्नर नहीं आई रिपोर्ट
पीडि़ता अलीशा सक्सेना का कहना है कि पुलिस भी दबाव में हैं। रसूखदारों की वजह से अब तक हमारी मेडिकल रिपोर्ट भी नहीं मिली। छह साल का ऑटिज्म पीडि़तबेटा घटना के बाद से सहमा है।
गुलमोहर कॉलोनी की महिलाएं और बच्चे कॉलोनी के एकमात्र गार्डन में मंत्री के कब्जे से परेशान हैं। मंत्री नरेंद्र पटेल के कारण पुलिस भी नहीं आती। भीड़ के चलते पार्क में बच्चे खेलने नहीं जा पाते। हालांकि पार्क में टंगा मंत्री का बैनर-पोस्टर हट गया। गाड़ी अब भी वहीं खड़ी हैं। पार्क के गेट पर होमगार्ड पार्क में आने-जाने पर लोगों को रोकते हैं। मानवाधिकार आयोग ने नगर निगम और पुलिस कमिश्नर से पार्क से तुरंत कजा हटाकर 15 दिन में जवाब मांगा है।