निर्मला सप्रे ने कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीता था लेकिन लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। विधायक निर्मला सप्रे जिन 13 मांगों के साथ बीजेपी में आईं थीं उनमें बीना को जिला बनाने की बात सर्वप्रमुख थी। अब यही मामला टलता नजर आ रहा है।
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सीएम मोहन यादव के पिता का देहांत हो जाने की वजह से उनका बीना दौरा स्थगित हुआ है जोकि बाद में हो सकता है लेकिन केबिनेट में प्रस्ताव नहीं आना इस बात का संकेत है कि बीना को जिला बनाना इतना आसान नहीं है। बताया जा रहा है कि केबिनेट बैठक में बीना को जिला बनाने के प्रस्ताव को ऐन वक्त पर टाला गया। इनमें बीजेपी नेताओं की आपसी खेमेबाजी के साथ ही कुछ प्रशासनिक दिक्कतों की बात भी कही जा रही है।
केबिनेट बैठक के पहले सोमवार रात को संगठन के वरिष्ठ नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद ही यह साफ हो गया था कि बीना को जिला बनाने पर अभी कोई चर्चा नहीं होगी। कुछ स्थानीय नेताओं ने इसका तगड़ा विरोध किया था। हालांकि नए जिले बनाने में अब कुछ प्रक्रियात्मक बाधाएं भी सामने आ रहीं हैं।
दो दिनों में घटे घटनाक्रमों से बीनावासी खासे निराश हैं। सीएम मोहन यादव का स्थगित दौरा तो बाद में हो जाएगा लेकिन केबिनेट बैठक में प्रस्ताव नहीं आने पर विधायक निर्मला सप्रे को तगड़ा झटका लगा है। वे सागर जिले की एक मात्र कांग्रेसी विधायक थीं लेकिन बीना को जिला बनाने के आश्वासन पर बीजेपी में चली आईं।
लोकसभा चुनाव के दौरान सागर में मतदान से महज दो दिन पहले विधायक निर्मला सप्रे ने राहतगढ़ में सीएम मोहन यादव की जनसभा में बीजेपी की सदस्यता ली थी। बताया जाता है कि बीजेपी नेताओं ने बीना को जिला बनाने का वादा करके ही विधायक निर्मला सप्रे से कांग्रेस छुड़वाई थी।
यह भी पढ़ें : कर्मचारियों के रिटायरमेंट पर कोर्ट का बड़ा फैसला, आधी सेलरी देने का आदेश दिया विधायक ने भी सार्वजनिक रूप से बीना को जिला बनाने सहित क्षेत्र के विकास के लिए कांग्रेस छोड़ने की वजह बताई थी। विधायक निर्मला सप्रे ने बीना के विकास से जुड़ी 13 मांगों की बाकायदा लिस्ट बनाकर बीजेपी नेताओं और सीएम मोहन यादव को दी थी।
खास बात यह है कि विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस तो छोड़ी लेकिन विधानसभा से इस्तीफा अभी तक नहीं दिया है। बताया जा रहा है कि वह बीना को जिला बनाने का वादा पूरा करने की मांग पर अड़ी हुई हैं। इसका ऐलान होने के बाद ही वे इस्तीफा देने की बात कह रहीं हैं।
विधायक निर्मला सप्रे के समर्थकों के अनुसार केबिनेट में प्रस्ताव नहीं आने के बाद भी वे निराश नहीं हैं। उन्हें बीजेपी नेताओं और खासतौर पर सीएम मोहन यादव पर भरोसा है। बताया जा रहा है कि ताजा घटनाक्रमों के बाद भी बीजेपी नेताओं ने उन्हें अपने वादों के प्रति आश्वस्त किया है।
विधायक निर्मला सप्रे यह कह भी चुकी हैं विधानसभा के विकास के लिए सीएम को दी गई मांगों की सूची पर कलेक्टर का सर्वे हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा था कि 4 सितंबर का इंतजार है। हालांकि अब यह इंतजार कुछ बढ़ जरूर गया है। इस बीच बीजेपी नेताओं ने भी कहा है कि सीएम मोहन यादव बीना का नया दौरा कार्यक्रम जल्द ही तय किया जाएगा। इस दौरे में वे बीना को कई सौगातों की घोषणा करेंगे।