सागर लोकसभा के लिए मतदान से दो दिन पहले बीना की कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो गईं थीं हालांकि उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया। वे सागर जिले की एक मात्र कांग्रेस विधायक थीं। निर्मला सप्रे ने सीएम मोहन यादव के समक्ष सागर के राहतगढ़ में जनसभा में बीजेपी की सदस्यता ली थी।
विधायक निर्मला सप्रे ने कांग्रेस छोड़ने की वजह बताते हुए कहा था कि क्षेत्र का विकास उनकी पहली प्राथमिकता है, इसलिए वे राज्य में सत्तासीन बीजेपी में जा रहीं हैं। उन्होंने बीना के विकास से जुड़ी 13 मांगों की सूची भी बीजेपी नेताओं को दी थी जिसमें बीना को जिला बनाने की मांग सर्वप्रमुख थी।
निर्मला सप्रे की मन की मुराद अब पूरी हो गई लगती है। मुख्यमंत्री मोहन यादव का 4 सितंबर को बीना का दौरा प्रस्तावित है। चर्चा है कि वे इस दौरान बीना को जिला बनाने की घोषणा कर सकते हैं।
विधायक निर्मला सप्रे भी इसके लिए आशान्वित दिख रहीं हैं। हालांकि इस संबंध में वे खुलकर कुछ नहीं कह रहीं लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा है कि सीएम की सभा में कई सौगातें मिलेेंगी।
निर्मला सप्रे के अनुसार बीना का जिला बनाने से इसका तेजी से विकास होगा। विधायक का कहना है कि विधानसभा के विकास के लिए मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गईं मांगों पर बाकायदा कलेक्टर ने सर्वे कराया है। उसकी रिपोर्ट भी सीएम को भेजा जा चुकी है। विधायक निर्मला सप्रे ने साफ किया कि 4 सितंबर का इंतजार तो करना ही होगा।
इस बीच बीजेपी नेताओं का कहना है कि सीएम मोहन यादव 4 सितंबर के बाद बीना का जल्द ही एक और दौरा करेंगे। इस दौरान भी वे बीना को कई सौगातों की घोषणा करेंगे।
बता दें कि बीना को जिला बनाने का मुद्दा बहुत पुराना है। सागर की तहसील बीना को जिला बनाने से बीजेपी को राजनैतिक लाभ मिलना तय है। हालांकि इससे पास की खुरई तहसील में पार्टी और राज्य सरकार के लिए दिक्कत खड़ी हो सकती है। खुरई को भी जिला बनाने की मांग की जा रही है।