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भोपाल

बिहार ने नहीं लौटाया मध्यप्रदेश का घड़ियाल, सोन घड़ियाल सेंचुरी में घटने लगी घड़ियालों की आबादी

सेंचुरी करीब 210 किलोमीटर में फैली है। बीते 6 साल से घड़ियालों जीवन चक्र थमा यहां हुआ है, जो बचे हैं उन पर बाणसागर बांध गला घोंट रहा है।

भोपालSep 30, 2023 / 09:12 pm

hitesh sharma

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son gharial wildlife sanctuary

भोपाल। सोन घड़ियाल सेंचुरी में घड़ियाल की आबादी बढ़ाने के लिए एक बार फिर चंबल से नर घड़ियाल को छोड़ा जाएगा। इससे पहले वन विभाग के अधिकारियों ने बाणसागर बांध प्रबंधन को पत्र लिखकर बांध के बहाव को नियंत्रित करने को कहा। पिछले साल हुए हादसे के बाद अब यहां एक भी नर घड़ियाल नहीं बचा है। ऐसे में यहां इनकी आबादी ही नहीं बढ़ पा रही है।सेंचुरी करीब 210 किलोमीटर में फैली है। बीते 6 साल से घड़ियालों जीवन चक्र थमा यहां हुआ है, जो बचे हैं उन पर बाणसागर बांध गला घोंट रहा है। इस मामले पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंभीर आपत्ति जताई थी और घड़ियालों के लिए नियमित तौर पर पानी छोड़ने के निर्देश दिए थे, लेकिन अफसरों की इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया।

केंद्र-राज्य सरकार की भी नहीं सुनी

सेंचुरी में घड़ियालों की आबादी बढ़ाने के लिए पिछले साल यहां एक नर छोड़ा गया था। प्रजनन के बाद यहां करीब 150 अंड थे, इससे बच्चे भी हुए, लेकिन बांध से पानी छोड़ने के बाद नर घड़ियाल और बच्चे बह गए। नर के गले में रेडियो कॉलर लगा होने से उसकी लोकेशन बिहार में मिली तो बिहार सरकार से नर घड़ियाल वापस मांगा गया। बिहार ने इससे इंकार करते हुए उसे गंडक नदी में छोड़ दिया और सिर्फ रेडियो कॉलर ही लौटाया।

दो नर घड़ियाल छोड़ने की मिली है अनुमति

एपीसीसीएफ(वन्य प्राणी) शुभरंजन सेन के अनुसार एनटीसीए ने यहां दो नर घड़ियाल छोड़ने की अनुमति दी है। दिसंबर में यहां फिर से एक नर छोड़ा जाएगा। अभी यहां करीब 40 मादा और 12 बच्चे ही बचे हैं, लेकिन एक भी नर घड़ियाल ना होने से इनकी संख्या नहीं बढ़ पा रही है। यहां अभी एक भी व्यस्क नर घड़ियाल नहीं है। वन विभाग ने पत्र लिखकर कहा कि सोन नदी में पानी छोड़ने में नियंत्रण नहीं रखा गया तो फिर से इनके बहने जैसी स्थिति बन सकती है। साथ ही यह भी लिखा गया कि आगामी सीजन में यहां पर्याप्त पानी छोड़ा जाए ताकि पानी का बहाव बना रहने से घड़ियालों को खतरा ना रहे। अभी यहां पानी तभी ही छोड़ा जाता है जब बिहार से मांग आती है।

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