केंद्र-राज्य सरकार की भी नहीं सुनी
सेंचुरी में घड़ियालों की आबादी बढ़ाने के लिए पिछले साल यहां एक नर छोड़ा गया था। प्रजनन के बाद यहां करीब 150 अंड थे, इससे बच्चे भी हुए, लेकिन बांध से पानी छोड़ने के बाद नर घड़ियाल और बच्चे बह गए। नर के गले में रेडियो कॉलर लगा होने से उसकी लोकेशन बिहार में मिली तो बिहार सरकार से नर घड़ियाल वापस मांगा गया। बिहार ने इससे इंकार करते हुए उसे गंडक नदी में छोड़ दिया और सिर्फ रेडियो कॉलर ही लौटाया।
दो नर घड़ियाल छोड़ने की मिली है अनुमति
एपीसीसीएफ(वन्य प्राणी) शुभरंजन सेन के अनुसार एनटीसीए ने यहां दो नर घड़ियाल छोड़ने की अनुमति दी है। दिसंबर में यहां फिर से एक नर छोड़ा जाएगा। अभी यहां करीब 40 मादा और 12 बच्चे ही बचे हैं, लेकिन एक भी नर घड़ियाल ना होने से इनकी संख्या नहीं बढ़ पा रही है। यहां अभी एक भी व्यस्क नर घड़ियाल नहीं है। वन विभाग ने पत्र लिखकर कहा कि सोन नदी में पानी छोड़ने में नियंत्रण नहीं रखा गया तो फिर से इनके बहने जैसी स्थिति बन सकती है। साथ ही यह भी लिखा गया कि आगामी सीजन में यहां पर्याप्त पानी छोड़ा जाए ताकि पानी का बहाव बना रहने से घड़ियालों को खतरा ना रहे। अभी यहां पानी तभी ही छोड़ा जाता है जब बिहार से मांग आती है।