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भोपाल

फूल-माला या प्रसाद नहीं, मन्नत पूरी होने पर इस मंदिर में भक्तों को चढ़ाने पड़ते हैं जूते-चप्पल

Siddhidatri Mata Mandir : सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भक्त देवी-देवताओं को फूल-माला, प्रसाद या फिर चुनरी चढ़ावे के तौर पर चढ़ाते है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एमपी में एक ऐसा मंदिर भी है जहां फूल-माला नहीं बल्कि जूते-चप्पल चढ़ाए जाते है।

भोपालSep 27, 2024 / 01:17 pm

Avantika Pandey

sidhidatri pahadawali mata
Siddhidatri Mata Mandir : मध्यप्रदेश में कई चमत्कारी मंदिर है जिसकी लोकप्रियता भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में है। दूर-दूर से भक्त इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते रहते है। सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार धार्मिक स्थलों में प्रवेश के वक्त लोग अपने जूते-चप्पल बाहर ही उतारते है। साथ ही यह भी प्रचलित है कि भक्त देवी-देवताओं को फूल-माला, प्रसाद या फिर चुनरी चढ़ावे के तौर पर चढ़ाते है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि एमपी में एक ऐसा मंदिर भी है जहां फूल-माला नहीं बल्कि जूते-चप्पल चढ़ाए जाते है।
ये अनोखी मान्यताओं वाला मंदिर एमपी की राजधानी भोपाल में मौजूद है। अपनी अनोखी परंपरा के आलावा माता का ये मंदिर अपने चमत्कारों के लिए भी काफी प्रचलित है। तो चलिए जानते है इसके बारे में…

सिद्धिदात्री पहाड़वाली माता

झीलों के शहर भोपाल के कोलार में पहाड़ों पर सिद्धिदात्री पहाड़वाली माता का अनोखा मंदिर स्थित है। जीजीबाई नाम से मशहूर सिद्धिदात्री माता के मंदिर में आम दिनों में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। वहीँ शारदीय नवरात्रि के दौरान मंदिर की रौनक चार गुना ज्यादा बढ़ जाती है। यहां माता के बाल रूप को लोग पूजते है।

जूते-चप्पल का चढ़ावा माता को पसंद

sidhidatri mata mandir
मंदिर के पुजारी ओम प्रकाश के अनुसार, इस मंदिर में सिद्धिदात्री माता को बेटी के रूप में स्थापित किया गया है। माता के बालरूप के कारण दुलार भाव से भक्त यहां आते है और चढ़ावे के तौर पर जूते-चप्पल, सैंडल, कंघी, छाता, चश्मा आदि चढ़ाते रहते है। मंदिर की लोकप्रियता इतनी है कि विदेशों से भी भक्त उनके लिए जूते-चप्पल भेजते रहते है।
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दुखी होने पर बदल दिए जाते है कपड़ें

भक्तों का ऐसा मानना है कि मंदिर के पुजारी को माता के खुश और दुखी होने का पता चल जाता है। जब उन्हें ऐसा लगता है कि मां नाराज है तो उनके कपड़ें बदल दिए जाते है। रोजाना सिद्धिदात्री माता को नए वस्त्र पहनाए जाते है। पुजारी के अनुसार अब तक 15 लाख से ज्यादा कपडे बदले जा चुके है।

मन्नतें होती है पूरी

नवरात्रि के दौरान सिद्धिदात्री माता के मंदिर में भक्तों का जान सैलाब उमड़ पड़ता है। भक्त 125 सीढ़ियां चढ़कर माता के दर्शन करने आते है। श्रद्धालुओं का मानना है कि यहां पर मांगी गई मुरादे जल्द पूरी होती है। माता के दरबार से आज तक कोई भी भक्त खाली हाथ नहीं लौटा है।

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