ई-स्कूटर एवं फूड्सर्विस ने बिगाड़ा मैनेजमेंट
ओला एवं उबर कंपनियां शुरुआती दौर में लोगों को सस्ती दरों पर एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने के लिए टैक्सी सेवा लेकर आई थीं। संक्रमण काल से पहले दोनों कंपनियों ने दूसरे काम चालू कर दिए। इलेक्ट्रिक स्कूटर के जरिए और ज्यादा सस्ता ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने का दावा किया जबकि उबर कंपनी ने फूड्सर्विस के नाम पर प्राइवेट होटल रेस्टोरेंट से एग्रीमेंट कर घर पहुंच खाद्य सामग्री सेवा देना शुरू कर दिया। केंद्र सरकार में हुई शिकायतों में आरोप लगाया गया है कि कंपनियां अपने वैकल्पिक बिजनेस को बढ़ावा देने में व्यस्त हो गई हैं एवं प्रारंभिक स्तर पर शुरू की गई टैक्सी सेवा प्राइवेट ड्राइवरों के भरोसे छोड़ दी गई है।
ऐसे चल रहा मनमानी का दौर
ओला एवं उबर कंपनी एंड्राइड एप्लीकेशन के जरिए प्राइवेट टैक्सी संचालकों को एंड्रॉयड एप्लीकेशन उपलब्ध कराती हैं। एप्लीकेशन में लॉग इन करने पर ओला कंपनी का ड्राइवर ग्राहक सेवा का मैसेज प्राप्त करता है, इसी प्रकार उबर कंपनी अपने लॉगिन आईडी पर अपने कस्टमर के मैसेज फॉरवर्ड करती है। प्राइवेट कैब कंपनी संचालक एवं ड्राइवर अपनी सुविधा के हिसाब से एंड्रॉयड एप्लीकेशन पर मिलने वाले कस्टमर के कॉल को अटेंड करते हैं एवं अपनी सुविधा के हिसाब से इन्हें निरस्त भी कर देते हैं। इस घालमेल के चक्कर में नागरिक आपात स्थिति में वाहन का इंतजार ही करते रह जाते हैं।
प्रदेश में प्राइवेट कैब संचालन के लिए पॉलिसी का गठन किया गया है। जल्द ही इसे लागू किया जाएगा ताकि निजी कंपनियां ग्राहक सेवा के नाम पर मनमानी नहीं कर सकें।
गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन मंत्री