भोपाल. महिलाओं के लिए असुरक्षित टाप टेन शहरों में मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल छठवें स्थान पर हैं। जबकि ग्वालियर आठवें पायदान पर। यह हम नहीं, नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट कह रही है। जिसमें राज्य के इन दोनों शहरों को महिलाओं के लिए असुरक्षित करार दिया है। देश के 53 शहरों में महिलाओं के साथ ज्यादती की घटनाओं में प्रदेश के चार शहर भोपाल, ग्वालियर, इंदौर और जबलपुर शामिल हैं। देश में सर्वाधिक बलात्कार के मामले 1893 दिल्ली में हुए।
इसके बाद मुंबई में 712, जयपुर में 279, पूणे में 266, जोधपुर में 152, भोपाल में 133, फरीदाबाद में 128, ग्वालियर में 115, हैदाराबाद में 113 और बैंगलुरू में 112 घटनाएं घटी। जबलपुर में 83 और इंदौर में 76 मामले हुए।
खौफनाक आंकड़े
1. पहला स्थान : 4391 : बलात्कार 252 : मासूमों की हत्या 1. टाप पर:
2 दूसरा स्थान : बाल अपराध 12887, बच्चों से दुष्कर्म 1568, छेड़छाड़ 8049, बच्चों की हत्या 124 और आगजनी 834 3.
3. तीसरा स्थान: कुल अपराध 268614, दहेज हत्या 664, पुलिस अभिरक्षा से फरार हुए अपराधी 105, पुलिस हिरासत में मौत 3.
4. चौथा स्थान : चोरी 29649, हत्या 23395.
6. छठवां स्थान : हत्या का प्रयास 25077.
7. सातवां : डकैती 145, मानव तस्करी 55,
8. आठवां – दंगे 2205
सर्वाधिक अपराध में तीसरा स्थान
मप्र, देश का तीसरा राज्य है, जहां वर्ष 2015 में सर्वाधिक 268614 अपराध दर्ज हुए।
इनका कहना है…
वर्ष 2012-13 से महिला सुरक्षा के लिए विशेष योजनाएं बनाई, जिसका इंपेक्ट दिख रहा है। मैं आंकड़ों पर बात नहीं करूंगा लेकिन बलात्कार के मामलों में कमी आई है। महिला हेल्पलाइन, विशेष अदालतें और महिला अपराध की विशेष यूनिटों की वजह से 1800 आरोपियों को दस साल से ऊपर की सजा मिली। 22000 महिलाओं को मदद पहुंचाई। आंकड़े छोडि़ए, भोपाल में आज भी महिला रात को 11 बजे निडर होकर घूम सकती हैं।’
– ऋषि कुमार शुक्ला, डीजीपी
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