यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब साध्वी इस तरह की बेतुकी बात कर रही हैं। वो भी बिना किसी आधार के। इससे पहले भी वह कई बार ऐसी बात कर चुकी हैं। साध्वी प्रज्ञा ने पिछले दिनों ही कहा था कि मैं सांसद शौचालय साफ करवाने के लिए नहीं बनी हूं। मेरा जो काम है, वो मुझसे करवाइए। उसके बाद इस बयान पर खूब विवाद हुआ था कि साध्वी पीएम मोदी की योजना को सीधे-सीधे चुनौती दे रही हैं।
साध्वी प्रज्ञा तंत्र-मंत्र पर लगता है कि खूब यकीन करती हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान जब बीजेपी ने इन्हें भोपाल से उम्मीदवार बनाया था। तब भी वह कुछ इसी तरह की बात की थीं। उन्होंने उस वक्त कहा था कि मुंबई एटीएस के चीफ रहे हेमंत करकरे की मौत श्राप की वजह से हुई है। वो श्राप मैंने ही दिया था। जबकि मुंबई हमले के दौरान आतंकियों से लड़ते हुए हेमंत करकरे शहीद हुए थे। साध्वी के इस बोल पर भी खूब विवाद हुआ है।