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भोपाल

कोरोना से हुए मानसिक-शारीरिक दुष्प्रभाव उबारने और वैक्सीन का कवच देने की कवायद

स्कूल शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग चलाएगा जागरुकता अभियान
-प्रदेशभर में एक करोड़ से अधिक लोगों ने नहीं लगवाया है वैक्सीन का दूसरा डोज

भोपालNov 20, 2021 / 11:08 pm

manish kushwah

कोरोना से हुए मानसिक-शारीरिक दुष्प्रभाव उबारने और वैक्सीन का कवच देने की कवायद

कोरोना से हुए मानसिक-शारीरिक दुष्प्रभाव उबारने और वैक्सीन का कवच देने की कवायद

भोपाल. स्कूल शिक्षा विभाग ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने और इससे हुई शारीरिक और मानसिक परेशानियों से विद्यार्थियों और शिक्षकों को उबारने और उच्च शिक्षा विभाग ने कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को वैक्सीन के कवच से पूरी तरह सुरक्षित करने की कवायद शुरू की है। इसी क्रम में प्रदेशभर के स्कूलों में कई गतिविधियां आयोजित कराई जाएंगी, जिससे शिक्षकों, बच्चों और उनके परिजनों को कोरोना की बुरी यादों से बाहर निकाला जा सके। मालूम हो कि मप्र में सत्र 2021-22 में एक करोड़ से अधिक बच्चों के स्कूलों में नामांकन हुए हें। इधर उच्च शिक्षा विभाग का फोकस विद्यार्थियों को कोरोना वैक्सीन से पूरी तरह सुरक्षित बनाने का है। इसके लिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिव और कॉलेजों के प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि ये सुनिश्चित कर लिया जाए कि विद्यार्थियों समेत स्टाफ को कोरोना वैक्सीन का सेकंड डोज लगा दिया गया है। इसके पीछे वजह बताई गई है कि प्रदेश में एक करोड़ से अधिक लोगों ने वैक्सीन का सेकंड डोज नहीं लगवाया है। कॉलेजों में मौजूदा शिक्षण सत्र में 11 लाख 78 हजार से अधिक विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
बुरी यादों से बाहर निकलने स्कूलों में ये गतिविधियां
कोरोना संक्रमण काल की बुरी यादों से बच्चों और उनके परिवारों को बाहर निकालने के लिए स्कूलों में पोस्टर, स्लोगन लेखन प्रतियोगिता के अलावा प्रेरक कहानियां सुनाने का सत्र आयोजित होगा। कोरोनाकाल में बच्चों के अनुभव सुनने के साथ ही इस विषय पर लेखन प्रतियोगिता भी आयोजित होंगी। नुक्कड़ नाटकों के जरिये नकारात्मकता, बुरी आदतों के दुष्प्रभावों को साझा करने के साथ ही बाल संसद का भी आयोजन किया जाएगा। इसमें मानसिक रूप से स्वस्थ बने रहने पर चर्चा होगी। स्कूलों में ऐसी जगह मसलन‘खुशी का कोना’ स्थापित होंगे जहां बच्चे खुलकर अपनी बात कर सकें। इन सभी गतिविधियों में शिक्षक और उनके परिजनों को भी शामिल किया जाएगा।
वैक्सीनेशन के लिए कॉलेजों में ये होगी कवायद
वैक्सीन का दूसरा डोज नहीं लगवाने वाले विद्यार्थियों को चिह्नित कर उनका वैक्सीनेशन करवाने का काम कॉलेज स्तर पर किया जाएगा। कॉलेज के विद्यार्थी अपने-अपने परिवार के लोगों को वैक्सीन के सेकंड डोज के लिए न केवल प्रेरित करेंगे, बल्कि उन्हें स्वास्थ्य केंद्र ले जाएंगे। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी वैक्सीन लगवाने संबंधी एसएमएस उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विद्यार्थियों के मोबाइल पर भेजे जाएंगे, जिन्हें अन्य लोगों तक अनिवार्य रूप से भेजा जाएगा। कॉलेज प्रबंधन को विद्यार्थियों के अलावा अतिथि शिक्षकों के वैक्सीनेशन संबंधी जानकारी वेबसाइट पर अपलोड करना होगी। साथ कॉलेजों में कोरोना वैक्सीनेशन के फायदे बताने वाले फ्लेक्स अनिवार्य रूप से लगाने होंगे।

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