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भोपाल MD ड्रग्स केस : रोज बनती थी 100 करोड़ की ड्रग्स, पर आमदनी की रकम नहीं मिल रही, जांच एजेंसियां परेशान

Bhopal MD Drugs Case : जांच के अनुसार, बीते 6 माह से हर रोज आरोपी फेक्ट्री में 20 से 25 किलो ग्राम एमडी ड्रग्स तैयार हो रहा था। इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत रोजाना 100 करोड़ से अधिक है। बावजूद इसके बीते 10 दिनों की जांच में जांच एजेंसियां ये पता नहीं लगा सकी हैं कि इसकी आमदनी गई कहां।

भोपालOct 16, 2024 / 10:14 am

Faiz

Bhopal MD Drugs Case
Bhopal MD Drugs Case : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बगरोदा इवाके में एमडी ड्रग्स बनाने की अबतक की देशभर में सामने आई सबसे बड़ी फैक्ट्री में रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा की ड्रग्स बनाई जा रही थी। जांच में ये भी सामने आया है कि कंपनी बीते 6 माह से हर रोज इतनी ड्रग्स बना रही थी, बावजूद इसके 10 दिन की जांच के बाद भी जांच एजेंसियों को ये पचा नहीं चल सका है कि, आखिर रोजाना की इतनी बड़ी रकम आखिर गई कहां।
तीनों आरोपियों की निशानदेही पर जांच एजेसियों ने दस से अधिक लोगों से पूछताछ भी कर चुकी हैं, लेकिन अब तक न बड़ी नगद राशि मिली, न किसी तरह की ज्वेलरी और न ही राशि ठिकाने लगाने के कोई दस्तावेज मिल सके हैं।
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1814 करोड़ की ड्रग्स पकड़ाई थी

भोपाल के बगरोदा में एमडी ड्रग्स फैक्टरी के खुलासे के बाद जांच एजेसियों ने फेक्ट्री से 1814 करोड़ रुपए की एमडी ड्रग्स जब्त की थी। जबकि फेक्ट्री में हर दिन 20 से 25 किलो ग्राम एमडी ड्रग्स तैयार किए जाने की बात सामने आई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलो एमडी की कीमत करीब पांच करोड़ रुपए है। ऐसे में फेक्ट्री में हर दिन सौ से सवा सौ करोड़ रूपए की एमडी ड्रग्स बनाई जा रही थी।

तीनों आरोपियों से लगातार की जा रही पूछताछ, पर..

Bhopal MD Drugs Case
जांच एजेंसियों ने गिरफ्तार तीनों आरोपी अंकित चतुर्वेदी, सान्याल बाने और हरीश आंजना को रिमांड पर लेकर पूछताछ की और फिलहाल तीनों आरोपी 26 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। लेकिन अब तक एमडी ड्रग्स के जरिए जुटाई गई राशि का खुलासा नहीं हो पा रहा है।
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जांच एजेंसियों के हाथ फिर भी खाली

आरोपियों के पास से कोई नगद राशि, किसी तरह की ज्वेलरी या बड़ी राशि के लेन-देन के दस्तावेज भी नहीं मिले हैं। आरोपियों की निशानदेही पर करीब 10 से अधिक लोगों से पूछताछ भी की जा चुकी है, लेकिन ड्रग्स की राशि को लेकर जांच एजेंसियों के हाथ फिलहाल खाली ही हैं। हरीश आंजना का साथी प्रेमसुख पाटीदार से अभी पूछताछ होना बाकी है, क्योंकि प्रेमसुख अभी अस्पताल में भर्ती है।

10 दिन पहले की थी छापामारी

आपको बता दें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी और गुजरात एटीएस ने 6 अक्टूबर 2024 को भोपाल के बगरोदा इलाके में स्थित साबुन बनाने के नाम पर संचालित की जा रही फेक्ट्री में छापामार कार्रवाई की थी। साथ ही, फेक्टी से देश की सबसे ज्यादा मात्रा में तैयार होने वाली ड्रग्स का भंडाफोड़ किया था।

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