प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 2013 में कोलकाता की इंसेक्टिसाइड कंपनी से कीटनाशक दवाएं खरीदीं लेकिन इसका पेमेंट नहीं किया। कंपनी ने कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका लगाई तो कोर्ट ने ब्याज सहित राशि देने का ऑर्डर दिया। कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए कंपनी ने भोपाल कोर्ट में एक्जीक्युशन याचिका लगाई थी। कोर्ट ने कुर्की आदेश जारी कर दिए।
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शुक्रवार को भोपाल कोर्ट की टीम के साथ कोलकाता हाईकोर्ट के वकील स्वास्थ्य संचालनालय के ऑफिस पहुंचे और यहां रखा सामान बाहर निकालना शुरू कर दिया। इसकी भनक लगते ही स्वास्थ्य संचालक मल्लिका निगम नागर ने टीम को कुर्की करने से मना कर दिया। उन्होंने कंपनी के वकील को भी ऑफिस से बाहर कर दिया।
स्वास्थ्य संचालक मल्लिका निगम नागर ने कहा कि यहां स्वास्थ्य निदेशक का पद ही नहीं है। ऐसे में ऑफिस में कुर्की नहीं कर सकते। मामले में कोलकाता हाईकोर्ट के एडवोकेट पूर्णाशीष भुइया ने बताया कि इस केस में सुप्रीम कोर्ट तक में डायरेक्टर हेल्थ हार चुके हैं। उन्होंने भोपाल कोर्ट में अपने साथ हुए अनुचित व्यवहार की शिकायत करने की भी बात कही।