दरअसल, भोपाल के एक निजी स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ाई कर रहा छात्र घर में बैठ मोबाइल पर अश्लील वीडियो ( porn video ) देख रहा था। जैसे ही बच्चे पर माता-पिता की नजर पड़ी तो उसके करीब गए। जब उनलोगों ने उसे ऐसा वीडियो देखते देखा तो वे लोग हिल गए। लेकिन जब बच्चे से पूछा कि इन चीजों के बारे में तुम्हें जानकारी कहां से मिली।
माता-पिता के सवाल को सुनकर बच्चे ने कहा कि मुझे क्लास के ही एक दोस्त ने इन साइट्स के एड्रेस दिए थे। दोस्त ने कहा था कि ये बहुत अच्छी साइट्स हैं। इन्हें देखा करो। दोस्त ने बताया था कि इनमें अच्छे-अच्छे गेम्स आते हैं। इतना सुन पैरेंट्स के होश उड़ गए। बच्चा अभी तीसरी कक्षा का छात्र है। बमुश्किल से उसकी उम्र आठ से नौ साल होगी।
बच्चे को अश्लील वीडियो देखता देख माता-पिता बेचैन हो गए। उसके बाद वे लोग स्कूल गए, जहां स्कूल प्रशासन ने अपनी गलती से पल्ला झाड़ लिया। उल्टे स्कूल की तरफ से कहा गया कि हमारे स्कूल में मोबाइल प्रतिबंधित है। यहां तक स्कूल के टीचर्स को भी इजाजत नहीं है।
स्कूल प्रबंधन खुद का बचाव करने के लिए कहा कि आपलोग जिस बच्चे की शिकायत लेकर यहां पहुंचे हैं, वो बच्चा अब स्कूल में नहीं पढ़ता है। उसके बच्चे के पैरेंट्स स्कूल के सचिव के पास गए तो उन्होंने आश्वसान दिया है कि पूरे मामले की पड़ताल की जाएगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।