राजधानी एवं आसपास के क्षेत्रों में हुई बारिश के बाद बुधवार (14 अगस्त) रात 10.30 बजे दो गेट खुले। इसके बाद एक बजे दो और गेट खोले गए। चार गेटों से 15 अगस्त शाम 4 बजे तक कलियासोत डैम में पानी आता रहा, जिससे शाम साढ़े छह बजे कलियासोत डैम में पानी एफटीएल (505.67 मी.) से अधिक हो गया और इसके भी गेट खोले गए। केरवा डैम भी एफटीएल (509.97 मीटर) को पार गया और ऑटोमेटिक गेट से पानी निकला।
केरवा डैम भी लबालब, खोले गए गेट
गुरुवार को केरवा डैम भी लबालब हो गया और इसके गेट खोले गए। इधर, कलियासोत डैम से जितना पानी छोड़ा गया, उसके बराबर पानी कोलार क्षेत्र के लिए केरवा डैम में सुरक्षित किया जाता है। केरवा में पांच एमसीएम (5 अरब लीटर) पानी सुरक्षित रखते हैं। 15 अगस्त को कलियासोत डैम से इतना ही पानी छोड़ा गया। यहां तीन गेट खोलकर पानी निकाला गया।
कोलार डैम को अभी भी पानी की दरकार
भरपूर बारिश के बावजूद कोलार डैम को पूरा भरने के लिए अभी भी पानी की दरकार है। ये फुल टैंक लेवल (564.20 मीटर) से करीब साढ़े सात मीटर कम है। शुक्रवार को डैम का जल स्तर 454.64 मीटर पर पहुंच सका था। बताया जा रहा है कि ये डैम आकार में काफी बड़ा है। इसे पूरा भरने के लिए कोलार सीप लिंक प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा है। यदि ये पूरा होता तो कोलार डैम में सीप, घोड़ा पछाड़ और कालदेव नदी का पानी आता। अभी इस प्रोजेक्ट की टनल का तकरीबन 100 मीटर का काम बाकी है, जो बारिश के बाद ही शुरू हो सकेगा।