भोपाल। कमजोर आय वर्ग के मकानों का कारपेट एरिया बिल्डिंग प्रोजेक्ट के कुल आवासों की संख्या के हिसाब से घटाया और बढ़ाया जा सकेगा। ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के लिए जारी नई गाइड लाइन में सरकार ने रियल एस्टेट कारोबारियों को ये राहत सशर्त आधार पर दी है।
इसके मुताबिक कमजोर आय वर्ग के आवासों के न्यूनतम आकार की सीमा पुरानी गाइड लाइन से कम नहीं होनी चाहिए। पुरानी गाइड लाइन के मुताबिक ईडब्ल्यूएस मकान 25 और एलआईजी आवास 36 वर्गमीटर के बनाए जाते रहे हैं जबकि नई गाइड लाइन के मुताबिक अब ईडब्ल्यूएस मकान 35 वर्गमीटर और एलआईजी मकानों का आकार 60 वर्गमीटर तक बढ़़ाया जा सकता है।
रियल एस्टेट कारोबार में घटेगी मंदी आय सीमा का दायरा बढऩे से अब 25 हजार रुपए महीना कमाने वाले भी ईडब्ल्यूएस मकान खरीद सकेंगे जबकि इससे अधिक वेतन प्राप्त करने वाले लोवर इनकम ग्रुप के मकान खरीद सकेंगे।
आय सीमा में दी गई छूट से प्रदेश के एेसे अटके पड़े बिल्डिंग प्रोजेक्ट को ग्राहक मिल सकेंगे जो पहले आय वर्ग सीमित होने की वजह से चाहकर भी इन प्रोजेक्ट में निवेश नहीं कर पा रहे थे। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की नई गाइड लाइन के मुताबिक ईडब्ल्यूएस और एलआईजी वर्ग के मकानों का कारपेट एरिया भी बढ़ाया गया है। इससे निम्न आय वर्ग के मकानों में भी लक्जरी सुविधाएं दी जा सकेंगी।
नई गाइडलाइन से बढ़ा दायरा
ईडब्ल्यूएस मकानों को खरीदने के लिए अब सालाना 3 लाख रुपए कमाने वाले पात्र होंगे। इसके अलावा एलआईजी आवासों को खरीदने के लिए सालाना 6 लाख रुपए की आमदनी वालों को पात्र माना जाएगा।
इससे पहले ईओडब्ल्यू के लिए 1 लाख और एलआईजी के लिए 2 लाख रुपए सालाना आमदनी निर्धारित थी। इसी प्रकार ईओडब्ल्यू आवासों का आकार अब 25 से बढ़ाकर 35 वर्गमीटर और एलआईजी आवासों का आकार 36 से बढ़ाकर 60 वर्गमीटर कर दिया गया है। आकार में वृद्धि होने से इस वर्ग के आवास भी प्रोजेक्ट के सामान्य आवासों के साथ बनाए जा सकेंगे।
विरोधाभास खत्म
कमजोर आय वर्ग के आवासों में सुविधाएं बढ़ाने के लिए नगरीय प्रशासन विभाग ने पहले ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवासों का कारपेट एरिया बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया था। इस पर आपत्ति जताते हुए बिल्डर्स एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन मलय श्रीवास्तव से मिलकर प्रस्ताव की खामियां गिनाई थीं। ये तर्क दिया गया था कि केवल कारपेट एरिया बढ़ाने से कमजोर आय वर्ग के आवास पहले से अधिक महंगे हो जाएंगे।
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कमजोर आय वर्ग की नई गाइड लाइन रियल एस्टेट कारोबार की सेहत के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे बिल्डर्स को कमजोर आय वर्ग के लिए सुविधाएं बढ़ाने का अवसर मिलेगा जबकि आय सीमा बढऩे से विशेष आय वर्ग भी इन्हें अफोर्ड कर सकेगा।
– विनिराज मोदी, संचालक, श्रीबालाजी इंफ्रास्ट्रक्चर्स
नई गाइड लाइन मुख्यमंत्री की उस घोषणा को पूरा करने में मदद करेगी जिसमें हर नागरिक के लिए आवास का वायदा किया गया था। बिल्डर्स को कारपेट एरिया तय करने की सहूलियत मिलने से प्रोजेक्ट के हिसाब से सुविधाएं दी जा सकेंगी। ये नीति फायदेमंद साबित होगी।
– सुनील मूलचंदानी, सीएमडी, चिनार ग्रुप
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