अब भोपाल रेलमंडल में स्टेशनों की संख्या 95 हो जाएगी। बैरागढ़ रेलवे स्टेशन के भोपाल मंडल में शामिल होने पर केवल बैरागढ़वासियों को ही फायदा नहीं होगा यह निर्णय भोपाल रेलवे स्टेशन के लिए भी बड़ी राहत लेकर आया है।
ट्रेनों के बोझ, कम स्पेस और लगातार बढ़ रहे यात्री दबाव से जूझ रहा भोपाल रेलवे स्टेशन भी अब खुलकर सांस ले सकेगा। मालवा, राजकोट जैसी टे्रनों को आदेश के लागू होते ही 30 से 45मिनट की राहत मिल जाएगी। ये ट्रेनें पहले बैरागढ़ जाती हैं, यहां ट्रैक बदलकर इन्हें भोपाल स्टेशन लाया जाता है जिससे 30 मिनट की देरी होती है।
कई ट्रेनों को भोपाल स्टेशन की जगह निशातपुरा से होकर सीधा बैरागढ़ होते हुए निकाला जा सकेगा। यह स्टेशन पर ट्रेनों के दबाव को कम करेगा। भोपाल रेलवे स्टेशन पर जगह की कमी के कारण यहां प्लेटफार्म का विस्तार संभव नही हो पा रहा। बैरागढ़ में लगभग 6 एकड़ जमीन रेलवे के पास है। यहां पर 6 से 8 प्लेटफार्म बनाए जा सकते हैं।
लंबे समय से बिहार, पूणे, बैंगलुरु जैसे स्थानों के लिए नई ट्रेनें चलाने की मांग की जा रही है, लेकिन भोपाल स्टेशन पर जगह नही होने के कारण इनको चलाना संभव नही हो पा रहा। दो मंडलों के फेर में ही क रौंद अंडरपास का विवाद अटका पड़ा है। लंबे समय से इसका निर्माण नही हो पा रहा।
डीआरएम शोभन चौधुरी ने कहा, बैरागढ़ स्टेशन के भोपाल रेलमंडल में शामिल होने पर हमें भी बहुत सहायता मिलेगी। बहुत सारी ट्रेनें केवल मंडल परिवर्तन के कारण 30 से 45 मिनट तक लेट होती थी। सांसद आलोक संजर ने कहा, यह भोपाल के लिए बड़ी उपलब्धि है।
सभी के सामूहिक प्रयासों के चलते यह संभव हो पाया है। अभी तक बैरागढ़ स्टेशन पर छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए भी डीआरएम रतलाम की ओर देखना पड़ता था। भोपाल मंडल में शमिल होने के बाद इसका तेजी से विस्तार हो सकेगा।