2021 में 370 एमएलडी पानी बड़ा तालाब, कोलार और केरवा से लिया जा रहा है। नर्मदा से सप्लाई करीब 200 एमएलडी अलग है। 2031 में 31 लाख 23 हजार की आबादी हो जाएगी उस समय 470 एमएलडी (मिलियन लीटर पर डे ) पानी सिर्फ इन तीन वॉटर बॉडी से लेने की जरूरत होगी। लेकिन वर्तमान हालात ऐसे हैं कि जल श्रोत अवैध अतिक्रमणों से अटे पड़े हैं।
बड़ा तालाब:
शहर की लाइफ लाइन बड़ा तालाब में 361 अवैध कब्जे प्रशासन चिन्हित कर चुका है। इसमें से 16 कब्जे वर्ष 2019 में तोड़े गए, इसके बाद राजनीतिक रसूख के चलते कार्रवाई रुक गई। अभी तक एक नया कब्जा बड़े तालाब से हटाया नहीं गया। बड़े तालाब की सीमा राजस्व नक्शे से उतारने से कागजों में सुरक्षा मजबूत है, लेकिन हकीकत में स्थिति खराब है। पानी में नीचे गाद जमने से इसका गहरीकरण भी कम होता जा रहा है।
फैक्ट फाइल– 363 वर्ग किमी में फैला
केरवा डैम
केरवा डैम के पास जंगल के एरिया में काफी पेड़ों को काटकर उसमें प्लॉटिंग की जा रही है। यहां कई प्रकार की फर्जी अनुमतियों की आड़ में इस तरह की गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। मेंडोरा से रातीबड़ की तरफ पीछे केरवा की वॉटर बॉडी में काफी कब्जे हो रहे हैं। जमीन का लैंडयूज बॉटेनिकल गार्डन के नाम से है, जिसमें फॉर्म हाउस और बंगले बनते जा रहे हैं।
फैक्ट फाइल– कैचमेंट में कट रहे फॉर्म हाउस – दो साल में 12 जगह पेड़ कटे
कोलार डैम
इस तरफ भी आस-पास काफी कब्जे हो गए हैं, यहां भी रातापानी रिसोर्ट जैसे कई रिसोर्ट बन गए हैं। पानी में मोटरबोट शुरू कर दी है। लगातार अवैध गतिविधियां इस तरफ संचालित हो रही हैं। शहर से 40 किमी दूर होने के कारण अभी यहां हालात फिर भी ठीेक हैं, लेकिन समय रहते इसे रोका नहीं गया तो यहां भी कब्जों की भरमार हो जाएगी।
नोट: अभी इतनी निर्भरता है
बड़ा तालाब—–130 एमएलडी
कोलार डैम, सीप लिंक—–210 एमएलडी
केरवा डैम———30 एमएलडी
नर्मदा नदी——200 एमएलडी
वर्जन
बड़ा तालाब हो या कोई और जल श्रोत हमें अभी से बचाने होंगे इसके लिए जनसहयोग से प्रयास करने होंगे।
प्रज्ञा सिंह , सांसद, भोपाल