एनसीटीई के एक अधिकारी ने बताया कि, पिछले तीन साल से बीयू सिर्फ फैकल्टी की व्यवस्था करने का आश्वासन दे रहा है, लेकिन अब तक भर्ती नहीं हो सकी है। इस साल भी बीयू ने शपथ पत्र पर आश्वासन देते हुए प्रवेश की अनुमति मांगी थी। अगर बीयू समय रहते फैकल्टी की नियुक्ति कर लेता तो उसे एडमिशन की अनुमति मिल सकती थी, लेकिन उनके आश्वासन कभी पूरे नहीं हुए। मौजूदा समय में फैकल्टी के नाम पर एक भी शिक्षक मौजूद नहीं हैं। इसलिए बीएड के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।
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क्या कहते हैं जिम्मेदार ?
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार का कहना है कि, मेरे संज्ञान में अभी आया है कि, विश्वविद्यालय का बीएड डिपार्टर्मेंट तीन साल से बंद है। इसकी फाइल मंगवाकर अध्ययन किया जा रहा है। कोर्स को चालू कराने के लिए जो भी संभव प्रयास होंगे किए जाएंगे।
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नहीं हो सकी फैकल्टी की नियुक्ति
बीयू फैकल्टी की नियुक्ति नहीं कर सका है। जबकि एनसीटीई ने बीयू को फैकल्टी और अन्य संसाधनों को जुटाने का पूरा मौका दिया था। वह एनसीटीई के मापदंडों को पूरा नहीं कर सके। इसके चलते एनसीटीई को बीयू के बीएड पर प्रतिबंध लगाना पड़ा।
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