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भोपाल

MP में लोकसभा चुनाव का अजब ट्रेंड, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

चुनावी लहर में बढ़ा वोट प्रतिशत, दिग्गज भी हारे…

भोपालMar 12, 2019 / 10:43 am

दीपेश तिवारी

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MP में लोकसभा चुनाव का अजब ट्रेंड, जानकर आप भी चौंक जाएंगे

भोपाल। मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव का ट्रेंड अजब रहा। अब तक हुए लोकसभा चुनावों को देखें तो मतदान प्रतिशत चुनावी लहर में बढ़ा है। सबसे ज्यादा मतदान 1998 में दर्ज किया गया।

इसका लाभ भाजपा को मिला, तब भाजपा ने प्रदेश की 40 में से 29 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस को मात्र 11 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। 28 सालों के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में मतदान 60 प्रतिशत से अधिक कभी नहीं रहा।

वर्ष 2014 में मोदी लहर में भी 61.60 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया, जबकि देश में यह 66.4 प्रतिशत दर्ज हुआ था। मोदी लहर का असर ही था कि पिछले चुनाव के मुकाबले प्रदेश में मतदान के प्रतिशत में 10 फीसदी का इजाफा हुआ। वर्ष 2009 में यह 51.16 प्रतिशत था।

1991 में सबसे कम हुआ था मतदान
लोकसभा चुनाव 1991 में सबसे कम 55.88 प्रतिशत मतदान हुआ था। प्रदेश में यह प्रतिशत 44.35 था। दसवीं लोकसभा के लिए यह मध्यावधि चुनाव था, क्योंकि पिछली लोकसभा को सरकार के गठन के सिर्फ 16 महीने में भंग कर दिया गया था।

चुनाव विपरीत परिस्थितियों में हुए थे। मंडल आयोग की सिफारिशें लागू होने और राम जन्म भूमि विवाद छाया रहा।

 

इधर, अब प्रत्याशी को बताना होगा हर सदस्य की संपत्ति…
हिन्दू अविभाजित परिवार का सदस्य लोकसभा चुनाव लड़ता है तो अपने परिवार के हर सदस्य के संपत्ति की जानकारी चुनाव आयोग को देना होगी। विदेश की संपत्ति का ब्यौरा भी उपलब्ध कराना होगा।

यह बात सीईओ वीएल कांताराव ने सोमवार को राजनीतिक दलों से चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए आयोग ने फॉर्म-26 में बदलाव किया हैै। अभी तक उम्मीदवार सिर्फ अपने ऊपर निर्भर सदस्यों की संपत्ति की जानकारी देते थे।

कांताराव ने यह भी कहा कि प्रत्याशी को नामांकन के साथ दिए जाने वाले शपथ पत्र के हर पेज पर हस्ताक्षर करना होगा।

राजनीतिक दल चुनाव प्रचार एवं विज्ञापनों में सुरक्षा बलों के कर्मचारी और अधिकारियों व सेना के किसी कार्यक्रम के फोटो का उपयोग नहीं करें।

कांग्रेस ने ये दिए सुझाव
कांग्रेस प्रवक्ता जेपी धनोपिया ने कहा कि चुनाव के दौरान जिस सेक्टर अधिकारी अतिरिक्त ईवीएम दी जाती है, उसका नम्बर राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराया जाए। मतदान केंद्रों के गेट पर कैमरे लगाए जाएं।
भाजपा ने पूछा- कैसे दें स्टार प्रचारक के नाम
भाजपा विधि प्रकोष्ठ से एसएस उप्पल ने कहा कि नामांकन तक स्टार प्रचारकों की सूची देना है। प्रदेश में चार चरणों में चुनाव हैं। ऐसे में सूची देने की अंतिम तिथि कैसे तय करेंगे। सीईओ ने कहा, आयोग से मार्गदर्शन लेने के बाद आपको बताएंगे।

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