स्कूल शिक्षा विभाग अब तक सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को नहीं रख सका है। नवंबर में भी ये प्रक्रिया जारी रहने की उम्मीद है। इधर, फरवरी-मार्च महीने में परीक्षाओं का दौर शुरू हो जाएगा। ऐसे में जो अतिथि शिक्षक मौजूदा समय में रखे जा रहे हैं। अगर उनके सब्जेक्ट का रिजल्ट 30 फीसदी से कम रहा तो वो अगले सत्र में अतिथि शिक्षक नहीं बन सकेंगे। ये माना जाएगा कि, उनका परफार्मेंस खराब रहा। जबकि, असलीयत तो यह है कि, देर तक अतिथि शिक्षक रखने की प्रक्रिया की वजह से उन्हें पढ़ाने का पर्याप्त मौका नहीं मिलता। पिछले सत्र में करीब 5 हजार अतिथि शिक्षकों की परफार्मेंस खराब थी, जिसके चलते उन्हें हटा दिया गया था।
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मौजूदा समय में जिन्हें इस पद पर रखा गया है या जल्द रिक्त पदों पर रखा जाएगा, उन्हें छात्रों को पढ़ाने के लिए मुश्किल से 3 महीने का समय ही मिलेगा। ऐसे में वे कोर्स भी पूरा करवाने की स्थिति में नहीं रहेंगे। अगर जल्दबाजी में कोर्स पूरा भी करवाया गया तब भी ये महत्वपूर्ण होगा कि संबंधित विषय छात्रों को कितना समझ आएंगे। क्योंकि, उन्हें भी तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलेगा और इसका सीधा असर एग्जाम के रिजल्ट पर पड़ेगा। वहीं, इस मामले पर अतिथि शिक्षकों का कहना है कि, जो प्रक्रिया जून-जुलाई तक पूरी होनी थी वो नवंबर तक चल रही है। अब उन्हें पढ़ाने के लिए 100 दिन भी नहीं मिलेंगे। बीच में छुट्टियां भी पड़ती हैं। समय कम होने की वजह से रिजल्ट बिगड़ना संभव है।