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300 जवानों की कड़ी मेहनत का नतीजा
सेना के जवानों ने इस थ्री ईएमई सेंटर को 12 हजार वर्गफीट में बने चार बैरकों को आइसोलेशन सेंटर में तब्दील किया है। सुदर्शन चक्र कोर के कर्नल राजेश कुमार का कहना है कि, आइसोलेशन सेंटर बनाने को लेकर उन्हें 20 अप्रैल की शाम को आदेश दिये गए थे। आदेश मिलते ही सक्रीय हुए यहां के सभी 300 जवानों ने कड़े परीश्रम के साथ महज 48 घंटों के भीतर ही ये सेंटर तैयार कर लिया। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को सीएमएचओ भोपाल रेफर करेंगे, सिर्फ उन्हीं संक्रमित मरीजों को यहां रखने की व्यवस्था की जाएगी।कोविड पेशेंट यहां खुद से भर्ती होने नहीं आ सकेंगे। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने कोर कमांडर अतुल्य सोलंकी और ब्रिगेडियर आशुतोष शुक्ला से इस संबंध में बातचीत के दौरान सेना की सेवाएं लेने का फैसला लिया गया था।
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शिवराज ने मुलाकात कर मांगी थी सेना से मदद
राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य गंभीर स्थितियों वाले शहरों की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने कोर कमांडर अतुल्य सोलंकी और ब्रिगेडियर आशुतोष शुक्ला से इस परिस्थिति से निपटने का सहयोग मांग था। इसपर सेना के अधिकारियों की सेहमति के बाद से ही जवानों को काम में लगा दिया गया। इसके बाद से ही बैरागढ़ स्थिति सेना के एक बैरक में 4 से 5 कमरों में ट्रेनी जवानों को रखने की जगह को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है। इसके लिए जवानों को यहां से विकट परिस्थितियों के दिन तक यहां से शिफ्ट कर दिया गया है।
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आइसोलेशन सेंटर में की गई ये व्यवस्था
हर एक बैरक में चार पांच कमरे हैं और हर कमरे में छह बेड की व्यवस्था की गई है। 150 बेड्स में से 40 बच्चों-महिलाओं के लिए रिजर्व किये गए हैं। सेंटर के पास ही दो मोबाइल किचन (फूड ट्रक) रखे गए हैं। इन्हीं में मरीजों का नाश्ता, लंच और डिनर बनाया जाएगा। 4 डॉक्टर्स और 12 मेडिकल स्टाफ को इस आइसोलेशन सेंटर में तैनात किया जाएगा।इनमें सेना के दो डॉक्टर और दो डॉक्टर सीएमएचओ द्वारा भेजे जाएंगे। खास बात ये है कि, इस संकट की परिस्थिति में मरीज पैनिक न हो इसके लिए एक रिक्रिएशन रूम भी यहां बनाया गया है। इस रूम में टीवी, बोर्ड गेम्स जैसी कई टाइम पास चीजों की व्यवस्था की गई हैं। इसके अलावा कमरों के बाहर योगा, प्राणायाम और वॉक करने के लिए भी जगह बनाई गई है।
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